जशपुर
जशपुर (Jashpur) या जशपुर नगर भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के जशपुर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।[1][2]
जशपुर Jashpur जशपुर नगर | |
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विजयादशमी (दशहरा) पर्व, रणजीता स्टेडियम, जशपुर नगर, ज़िला जशपुर | |
निर्देशांक: 22°53′13″N 84°08′24″E / 22.887°N 84.140°Eनिर्देशांक: 22°53′13″N 84°08′24″E / 22.887°N 84.140°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | छत्तीसगढ़ |
ज़िला | जशपुर ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 28,301 |
भाषा | |
• प्रचलित | हिन्दी, छत्तीसगढ़ी |
भौगोलिक स्थिति
संपादित करेंछत्तीसगढ़ में स्थित जशपुर को भौगोलिक दृष्टि से दो भागों में बांटा जा सकता है। इसके उत्तरी भाग को ऊपर घाट और दक्षिणी भाग को नीचाघाट के नाम से जाना जाता है। प्राकृतिक रूप से जशपुर बहुत खूबसूरत है और पर्यटकों को बहुत पसंद आता है। पर्यटक इसके ऊपरी घाट में घने जंगल और पहाड़ व निचले घाट में हरे-भरे खेत देख सकते हैं। पर्यटकों को पहाड़ों और जंगलों की रोमंचक यात्रा व हरे-भरे खेतों में सैर करना बहुत पसंद आता है। जशपुर की अधिकतर जनसंख्या आदिवासी है और यह उराओं जाति से संबंधित हैं। इनका मुख्य काम-धंधा कृषि है।
पर्यटन स्थल
संपादित करेंकोतेबिरा ईब नदी
संपादित करेंजशपुर की कोतेबिरा इब नदी बहुत खूबसूरत है। पर्यटकों को बहुत पसंद आती है। इसके पास ही एक खूबसूरत पहाड़ी है। दूर से देखने पर यह पहाड़ी अधूरे बांध की तरह दिखाई देती है। स्थानीय कथाओं के अनुसार यह माना जाता है कि एक बार यहां एक देव प्रकट हुए थे और उन्हें यह नदी बहुत पसंद आई। उन्होंने इस नदी की सुन्दरता को बढ़ाने के लिए इस पर एक रात में बांध बनाने का प्रयास किया, लेकिन यह प्रयास पूरा नहीं हो पाया और बांध अधूरा ही रह गया। नदी के पास ही हर वर्ष भव्य मेले का आयोजन भी किया जाता है। इस मेले में पर्यटक जशपुर की परंपराओं और संस्कृति की शानदार झलक देख सकते हैं।
कैलाश गुफा
संपादित करेंसमरबार संस्कृत महाविद्यालय के पास स्थित कैलाश गुफा बहुत खूबसूरत है। यह महाविद्यालय देश का दूसरा महाविद्यालय है और जंगलों में स्थित है। कैलाश गुफा का निर्माण पहाड़ियों को काटकर बडी ही खूबसूरती के साथ किया गया है। गुफा के पास मीठे पानी की जलधारा है। जहां पर पर्यटक अपनी प्यास बुझा सकते हैं। पर्यटकों में यह गुफा बहुत लोकप्रिय है। इसे देखने के लिए पर्यटक प्रतिदिन यहां आते हैं।
महागिरजा घर कुनकुरी
संपादित करेंएशिया का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण चर्च महागिरिजाघर जशपुर में स्थित है। इसका निर्माण 1962 ई. में आरम्भ हुआ था और श्रद्धालुओं के लिए इसे 27 अक्टूबर 1979 ई. को खोला गया था। इस चर्च में लोहे के सात पवित्र चिन्ह भी बने हुए हैं, जो पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। स्थानीय लोगों में इस चर्च के प्रति बड़ी श्रद्धा है और वह पूजा करने के लिए प्रतिदिन यहां आते हैं। यह चर्च बड़ा खूबसूरत है। इसकी सुन्दरता को निहारने के लिए पर्यटक यहां आते हैं और इसके खूबसूरत दृश्यों को अपने कैमर में कैद करके ले जाते हैं।
दनगरी झरना
संपादित करेंजशपुर के जंगलों में स्थित दनगरी झरना बहुत खूबसूरत है। जंगलों की सैर के दौरान पर्यटक इस झरने के खूबसूरत दृश्य देख सकते हैं। यह झरना जशपुर से मात्र दो घंटे की दूरी पर है।
आवागमन
संपादित करें- वायु मार्ग
पर्यटकों की सुविधा के लिए छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हवाई अड्डे का निर्माण किया गया है। यहां से पर्यटक बसों व टैक्सियों द्वारा आसानी से 450 किमी दूर जशपुर तक पहुंच सकते हैं।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Inde du Nord - Madhya Pradesh et Chhattisgarh Archived 2019-07-03 at the वेबैक मशीन," Lonely Planet, 2016, ISBN 9782816159172
- ↑ "Pratiyogita Darpan Archived 2019-07-02 at the वेबैक मशीन," July 2007