ज़बूर इस्लाम धर्म में द्वितीय आसमानी किताब मानी जाती है जो दाऊद पर प्रकट हुई थी, जिन्हें इस्लाम का एक नबी और पैगम्बर माना गया है। इस्लामिक मान्यता के अनुसार साबी नामक राष्ट्र ज़बूर पढ़ा करते थे तथा इब्राहिम की दी हुई शिक्षाओं का अनुपालन करते थे मगर धीरे धीरे ज़बूर के ज्ञाताओं या विद्वानों ने अपने अपने मतानुसार इस में परिवर्तन कर दिए। साम्प्रतिक ज़बूर उस अवस्था में नहीं रही जैसी वो अल्लाह की तरफ से उतारी गई थी।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें