ज़ैन-उल-अबिदीन
सुल्तान ग़ियास-उद-दीन ज़ैन-उल-अबिदीन (Zain-ul-Abidin, زین العابدین) मध्यकालीन कश्मीर में १४२३-१४७४ काल में राज करने वाले एक सुल्तान थे जिनका राज्य आधुनिक भारत के जम्मू व कश्मीर राज्य पर विस्तृत था। वे मध्यकालीन कश्मीर के सबसे महान शासकों में से एक गिने जाते हैं जिन्होनें सर्वधार्मिक उदारता और प्रशासनिक निपुणता के साथ राज किया। हिन्दू व मुस्लिम कश्मीरी लोग इज़्ज़त से बुड शाह (यानि 'बड़े शाह' या 'महान शाह') के नाम से याद करते हैं। उनके देहांत के बाद कश्मीर में शाह मीर वंश का पतन होना शुरु हो गया।[1]
ज़ैन-उल-अबिदीन Zain-ul-Abidin زین العابدین | |
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कश्मीर के सुल्तान बुड शाह (अर्थ: महान शाह/राजा) | |
शासनावधि | १४२३-१४७४ ईसवी |
पूर्ववर्ती | सुल्तान सिकन्दर 'बुतशिकन' |
उत्तरवर्ती | हैदर ख़ान (उर्फ़ हाजी ख़ान) |
समाधि | |
घराना | शाह मीर |
पिता | सुल्तान सिकन्दर 'बुतशिकन' |
उनके शासन के पहले पैंतीस वर्ष उनके समकालीन कश्मीरी इतिहासकार जोनराज की 'द्वितीय राजतरंगिणी' में और बाक़ी के राजकाल जोनराज के शिष्य श्रीवर की 'तृतीय राजतरंगिणी' नामक इतिहास-ग्रन्थ में वर्णित हैं।[2]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Solving Kashmir, Mohan C. Bhandari, pp. 44, Lancer Publishers, 2006, ISBN 978-81-7062-125-6, ... The Shah Mir dynasty declined with the death of Bud Shah ...
- ↑ Medieval Kashmir: being a reprint of the Rajataranginis of Jonaraja, Shrivara and Shuka, as translated into English by J.C. Dutt and published in 1898 A.D. under the title "Kings of Kashmira," Volume 3 Archived 2016-05-09 at the वेबैक मशीन, Rājānaka Jonarāja, Jogesh Chandra Dutt, Shyam Lal Sadhu, Atlantic Publishers & Distributors, 1993, ... concluded it in AD 1149. After about three hundred years Jonaraja, under the insipiration and command of his sovereign Zain-ul-Abidin, undertook to record the events of the intervening period. On the death of Jonaraja in 1459 AD ...