जापान का संविधान
जापान का संविधान (Shinjitai: 日本国憲法 Kyūjitai: 日本國憲法, Nihon-Koku Kenpō?) जापान की मूल विधि (कानून) है। इसे द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद ३ मई १९४७ को लागू किया गया था। जापान में इसे 'संविधान दिवस' के रूप में मनाया जाता है। यह संविधान 'शांति संविधान' भी कहलाता है।,,यह बुद्घ की विचार धारा को ज्यादा महत्व देता है
प्रमुख विशेषताएँ
संपादित करें- यह संविधान द्वितीय विश्वयुद्ध में पराजित होने के बाद अमरीका के निर्देश पर रचा गया था।
- इसमें सशस्त्र सेना की कोई जगह नहीं है। सशस्त्र सेनाओं की जगह जापान का आत्मरक्षा बल या सेल्फ़ डिफ़ेंस फ़ोर्स (SDF) है।
- जापान की पराजय के बाद विजयी ताक़तों की सलाह पर अमरीका ने उसके संविधान में 'अनुच्छेद 9' नामक ऐसा पेंच डाल दिया कि वह कभी दोबारा हमला नहीं कर सके। बदले में अमरीका ने उसकी सुरक्षा की पूरी ज़िम्मेवारी अपने कंधों पर लेने का काम भी किया। नौवें अनुच्छेद में दोटूक शब्दों में लिखा गया है कि 'जापानी जनता हमेशा के लिए राष्ट्र के युद्ध करने के संप्रभु अधिकार और अंतरराष्ट्रीय विवादों को ताक़त के ज़ोर पर हल करने की धमकी का त्याग करती है।..जापान जल, थल और वायु सेना के साथ-साथ युद्ध का कारक बनने वाले किसी भी बल को धारण नहीं करेगा।'
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- राष्ट्र-भक्त जापानियों का सुन्दर संविधान
- Full text of Constitution from the Cabinet
- Birth of the Constitution of Japan
- Beate Sirota Gordon (Blog about Beate Sirota Gordon and the documentary film "The Gift from Beate")
- Constitutional Revision Research Project of the Reischauer Institute of Japanese Studies at Harvard University
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