जामिया इस्लामिया इशातुल उलूम
जामिया इस्लामिया इशातुल उलूम भारत के राज्य महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले के अक्कलकुवा में स्थित एक देवबंदी इस्लामिक स्कूल है। इसकी स्थापना 1979 में ग़ुलाम मुहम्मद वस्तानवी ने की थी, मूल रूप से एक झोपड़ी में केवल छह छात्रों के साथ, इस स्कूल की शुरुआत हुई थी जो सन् 2014 तक पूरे भारत में दो लाख छात्रों तक बढ़ गई, यह अपने आप में दिखाता है कि इस स्कूल का मैनेजमेंट कितना अच्छा है जो इतनी ज्यादा तादाद में लोगों को अपनी तरफ आकर्षित किया।[1]
जामिया इस्लामिया इशातुल उलूम जामिया | |
स्थिति | |
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अक्कलकुवा, महाराष्ट्र, भारत | |
जानकारी | |
प्रकार | एजुकेशनल इंस्टिट्यूट (चैरिटेबल रजिस्ट्रेड ट्रस्ट ) |
ध्येय वाक्य | इशा'अत-ए-इल्म (सभी प्रकार की शिक्षा) |
स्थापना | 1979 |
संस्थापक | ग़ुलाम मुहम्मद वस्तानवी |
विद्यालय जिला | नंदुरबार |
परिसर | ग्रामीण क्षेत्र, 90 एकड़ (36 हे॰) |
उपनाम | जामिया |
जालस्थल | jamiaakkalkuwa |
जामिया इस्लामिया इशातुल उलूम अब एक स्कूल नहीं बल्कि एक बहुत बड़ा शिक्षा केंद्र बन गया है जहां हर तरह की शिक्षा दी जाती है। यहां के मेडिकल कॉलेज और नूर अस्पताल को राज्य सरकार से अनुमति मिली और वर्ष 2013 में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया, नई दिल्ली से एमबीबीएस पाठ्यक्रम शुरू करने की अंतिम अनुमति मिली और 100 छात्रों ने पाठ्यक्रम में दाखिला लिया है। एमबीबीएस कॉलेज के अलावा, जामिया में 300 बिस्तरों वाला एक अस्पताल है जहाँ विभिन्न सर्जिकल ऑपरेशन के साथ-साथ जाँच, उपचार, दवाएँ, विभिन्न पैथोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी जाँच, एक्स-रे, सोनोग्राफी निःशुल्क की जाती है डॉक्टर सभी विभागों में मिलाकर प्रतिदिन लगभग 30 ऑपरेशन करते हैं।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "जामिया में एडमिशन के लिए यहाँ क्लिक करें". target admission.Com. अभिगमन तिथि ११ अप्रैल २०२४.