जिझारड़ी, राजस्थान के पाली जिले का प्रमुख गांव है।

कोटड़ा माता, झिझारड़ी (कंटालिया)

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कोटड़ा माता धाम झिंझारड़ी ग्राम पंचायत से कुछ दूरी पर अरावली पर्वतमाला की पहाड़ियों में स्थित है। कंटालिया के ठाकुर ने बाहरी आक्रमणकारियों के हमलों से रक्षा हेतु झिंझारड़ी ग्राम के अर्जुन सागर की ऊंची पहाड़ी पर गढ़ बनवाया, जो वर्तमान में खंडहर, भग्नावशेष के रूप में है। कोटड़ा माता कंटालिया के ठाकुर की आराध्य देवी थी। एक बार मुस्लिम आक्रमणकारी तुर्को ने कंटालिया ठाकुर के किले को घेर लिया, भंयकर युद्ध हुआ, ठाकुर ने अपनी इष्ट देवी की आराधना की। कोटड़ा माता ने मधुमक्खियों का रूप धारण कर तुर्की सेना पर टूट पड़ी। तुर्की सेना मधुमक्खियों के बचाव हेतु पास की नाड़ी के पानी में कूद गये और तैरना नहीं आने के कारण तुर्की सेना के सारे सैनिक मर गये। वर्तमान में यहीं ढाणी तुरक नाडी कहलाती है जो कि सड़क मालिया (कंटालिया) के पास है।