इलेक्ट्रानिक्स और संचार में किसी सिगनल (जिसका आवर्ती होना अपेक्षित है) के शुद्ध आवर्तिता (periodicity) से विचलन जिटर (Jitter) कहलाता है। उदाहरण के लिये, माना किसी आई सी से एक १०० किलोहर्ट्ज की पल्स पैदा हो रही है। आदर्श स्थिति में इसके सभी स्पन्दों (पल्सेस) की चौड़ाई १० माइक्रोसेकेण्ड होनी चाहिये। किन्तु वास्तव में सभी स्पन्द १०० माइक्रोसेकेण्ड के न होकर इससे कुछ नैनोसेकेण्ड कम या अधिक होते हैं। यही अन्तर 'जिटर' कहलाता है। जिटर आयाम में भी सम्भव है और फेज में भी।

जिटर समय

जिटर प्रायः अवांछित चीज है।