जीव (Organism) शब्द जीवविज्ञान में सभी जीवन-सन्निहित प्राणियों के लिए प्रयुक्त होता है, जैसे: कशेरुकी जन्तु, कीट, पादप अथवा जीवाणु[1][2] एक जीव में एक या एक से अधिक कोशिकाएँ होती हैं। जिनमें एक कोशिका पाया जाता है उसे एक कोशिकीय जीव कहते हैं; एक से अधिक कोशिका होने पर उस जीव को बहुकोशिकीय जीव कहा जाता है।

कवक

एक कोशिकीय जीव

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मात्र अति सूक्ष्म जीव ही एक कोशिकीय होते हैं। अमीबा सबसे बड़ा एक कोशिकीय जीव है।

बहुकोशिकीय जीव

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वे जीव जिनमे कोशिकाएं बहुत अधिक संख्या में पाई जाती हैं। उन्हें बहुकोशिकीय जीव कहते हैं। जैसेः बड़े जानवर, मनुष्य आदि इसी श्रेणी में आते है।

जैन दर्शन

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जैन दर्शन में जीव शब्द मुख्यतः आत्मा के लिए भी प्रयोग किया जाता है। आचार्य उमास्वामी ने तीर्थंकर महावीर के मन्तव्यों को पहली सदी में सूत्रित करते हुए तत्त्वार्थ सूत्र में लिखा है: "परस्परोपग्रहो जीवानाम्"। इस सूत्र का अर्थ है, 'जीवों के परस्पर में उपकार है'।

  1. "organism". Online Etymology Dictionary. मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 जनवरी 2016.
  2. "Organism". मूल से 7 मई 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 मई 2020.

इन्हें भी देखें

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बाहरी कड़ियाँ

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