जीसैट उपग्रह, भारत की स्वदेशी रूप से विकसित संचार उपग्रहों की तकनीक है जो डिजिटल ऑडियो, डेटा और वीडियो के प्रसारण के लिए प्रयोग की जाती है। नवंबर 2015 तक, 13 जीसैट उपग्रहों को इसरो द्वारा प्रक्षेपित किया जा चुका है।

जीसैट श्रृंखला भू-समकालिक उपग्रहों की एक प्रणाली है जिसका उद्देश्य भारत को प्रसारण सेवाओं में आत्मनिर्भर बनाना है। 10 जीसैट उपग्रहों की सूची में 168 ट्रांसपोंडरों (जिनमें से 95 ट्रांसपोंडर प्रसारकों के लिए सेवाएं प्रदान करने के लिए पट्टे(लीज़) पर दिए जाते हैं)में से सी जो सी और केयू-बैंड में विस्तृत है, दूरसंचार, टेलीविजन प्रसारण, मौसम पूर्वानुमान, आपदा चेतावनी और खोज व बचाव कार्य की सेवाएं प्रदान करता है।

प्रक्षेपण इतिहास

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यह जीसैट उपग्रहों की एक सूची है(प्रक्षेपित और योजनारत)।

जीसैट उपग्रह
उपग्रह अक्षांश प्रक्षेपण तिथि प्रक्षेपण यान प्रक्षेपित द्रव्यमान (लिफ्ट-ऑफ मास) स्टेटस नोट्स
जीसैट श्रृंखला इनसैट श्रृंखला जाना जाता है
जीसैट-1 - ग्रामसैट 1[1] 73° पश्चिम (2000)
99° पश्चिम (2000—2006)
76.85° पश्चिम (2006—2009)
18 अप्रैल 2001   भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 1 डी1 1,540 कि॰ग्राम (3,400 पौंड) सेवामुक्त एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शक के रूप में परिकल्पित; अपने कक्षा लक्ष्य को हासिल करने में विफल, जिसने इसे अपने प्राथमिक संचार मिशन को पूरा करने से रोका।
जीसैट-2 - ग्रामसैट 2[2] 47.95° पूर्व 8 मई 2003   भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 1 डी2 1,825 कि॰ग्राम (4,023 पौंड) सेवामुक्त जीएसएलवी की दूसरी विकासात्मक परीक्षण उड़ान के लिये प्रायोगिक संचार उपग्रह
जीसैट-3 - ऐडुसैट 74° पूर्व 20 सितम्बर 2004   भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 1 एफ01 1,950 कि॰ग्राम (4,300 पौंड) सेवामुक्त
(30 सितंबर 2010)
शिक्षा के क्षेत्र में सेवा करने के लिए विशेष रूप से बनाया गया।
जीसैट-4 - हेल्थसैट 82° पूर्व 15 अप्रैल 2010   भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 2 डी3 2,220 कि॰ग्राम (4,890 पौंड) कक्षा तक पहुँचने में असफल प्रायोगिक संचार और नेविगेशन उपग्रह; जीएसएलवी मार्क 2 रॉकेट की पहली उड़ान।
जीसैट-5 इनसैट 4डी   भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 2 2,250 कि॰ग्राम (4,960 पौंड) योजनाबद्ध
जीसैट-5पी - 55° पूर्व 25 दिसंबर 2010   भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 1 एफ06 2,310 कि॰ग्राम (5,090 पौंड) कक्षा तक पहुँचने में असफल इनसैट-3ई के लिए प्रतिस्थापन के लिये।
जीसैट-6 इनसैट-4ई 83° पूर्व 27 अगस्त 2015   भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 2 डी6 2,132 कि॰ग्राम (4,700 पौंड) सेवा में एक मल्टीमीडिया मोबाइल उपग्रह प्रणाली; जो सैटेलाइट डिजिटल मल्टीमीडिया प्रसारण (एस-डीएमबी) सेवा प्रदान करेगी। इसे सामरिक और सामाजिक अनुप्रयोगों के लिए भी उपयोग किया जा सकता है।
जीसैट-6ए - संपर्क टूट गया, असफल
जीसैट-7 इनसैट-4एफ 74° पूर्व 30 अगस्त 2013 एरियन 5 वीए-215 2,650 कि॰ग्राम (5,840 पौंड) सेवा में रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, उपग्रह भारतीय नौसेना को नयी क्षमताओं को हासिल करने के लिए सहायता करेगा। और विदेशी उपग्रह से जो संचार के लिए इस्तेमाल होते हैं उनसे मुक्ति दिलायेगा।
जीसैट-7ए - 2017 एरियन 5 योजनाबद्ध
जीसैट-8 इनसैट-4जी ग्रामसैट 8 55° पूर्व 20 मई 2011 एरियन 5 वीए-202 3,093 कि॰ग्राम (6,819 पौंड) सेवा में इनसैट प्रणाली की क्षमता को बढ़ाने के लिए;
जीसैट-9 - मई 2017   भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 1 एफ09 2,330 कि॰ग्राम (5,140 पौंड) योजनाबद्ध यह अपने साथ गगन और संचार पेलोड ले जायेगा।
जीसैट-10 - 83° पूर्व 29 सितम्बर 2012 एरियन 5 वीए-209 3,435 कि॰ग्राम (7,573 पौंड) सेवा में दूरसंचार, डायरेक्ट टू होम और रेडियो नेविगेशन सेवाओं बढ़ाने के लिए।
जीसैट-11 - 2017 एरियन 5 4,500 कि॰ग्राम (9,900 पौंड) योजनाबद्ध देश में उन्नत दूरसंचार और डीटीएच सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से।
जीसैट-12 - ग्रामसैट 12 83° पूर्व 15 जुलाई 2011   ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान-एक्सएल सी17 1,412 कि॰ग्राम (3,113 पौंड) सेवा में इनसैट-3बी के प्रतिस्थापन; टेली-शिक्षा, टेली मेडिसिन, आपदा प्रबंधन का समर्थन और उपग्रह इंटरनेट का उपयोग जैसी सेवाएं प्रदान करने के लिए।
जीसैट-13 - योजनाबद्ध
जीसैट-14 - 75° पूर्व 5 जनवरी 2014   भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 2 डी5 1,982 कि॰ग्राम (4,370 पौंड) सेवा में जीसैट-3 उपग्रह को बदलने के लिए; भारतीय निर्मित क्रायोजेनिक इंजन जो जीएसएलवी मार्क 2 तीसरे चरण है। का परीक्षण करने के में।
जीसैट-15 - 93.5° पूर्व 10 नवंबर 2015 एरियन 5 3,100 कि॰ग्राम (6,800 पौंड) सेवा में जीसैट-10 उपग्रह के सामान; ट्रांसपोंडरों की क्षमता, डायरेक्ट-टू-होम टीवी और वीएसएटी सेवाओं के लिए ज्यादा बैंडविड्थ प्रदान करने के लिए।
जीसैट-16 - 55° पूर्व 6 दिसंबर 2014 एरियन 5 3,150 कि॰ग्राम (6,940 पौंड) सेवा में संचार पेलोड देश भर में कुल 48 ट्रांसपोंडर का एक संयोजन प्रदान करेगा, जो भारतीय उपग्रह के लिए सबसे अधिक है।
जीसैट-17 - 93.5° पूर्व 2017 एरियन 5 3,425 कि॰ग्राम (7,551 पौंड) योजनाबद्ध
जीसैट-18 - 74° पूर्व 4 अक्टूबर 2016 एरियन 5 वीए231 3,425 कि॰ग्राम (7,551 पौंड) योजनाबद्ध
जीसैट-19ई - दिसंबर 2016 भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 3 डी1 3,200 कि॰ग्राम (7,100 पौंड) योजनाबद्ध भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 3 की प्रथम उड़ान

इन्हें भी देखें

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  1. "GSAT 1". NASA. 16 August 2013. मूल से 6 जनवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 January 2014.
  2. "GSAT 2". NASA. 16 August 2013. मूल से 6 जनवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 January 2014.