जुलूस-ए-मुहम्मदी या जुलूस-ए-मोहम्मदी या मोहम्मदी जुलूस एक वार्षिक जुलूस और एक पारंपरिक त्योहार है जो इस्लामी पैगंबर मुहम्मद के जन्म दिवस पर दुनिया भर में बरेलवी सुन्नी मुसलमानों द्वारा मनाया जाता है।[1][2] यह मिलाद कार्यक्रम के बाद मनाया जाता है।[3][4][5] जुलूस में लब्बैक या रसूल अल्लाह, सरकार की आमद मरहबा आदि नारे लगाए गए।[6][7][8] कानपुर का जुलूस एशिया का सबसे बड़ा जुलूस है।[9][10][11]

संदर्भ संपादित करें

  1. "Eid-e-Milad-un-Nabi 2021: जानें, क्यों और कैसे मनाते हैं ईद-ए-मिलाद-उन-नबी और कौन थे पैगंबर हजरत मोहम्मद ?". NDTVIndia. अभिगमन तिथि 2023-09-08.
  2. "Eid Milad Unnabi : आज जलसा जुलूस व महफिल के जरिए आम होगी पैगंबर की तालीमात". inextlive. अभिगमन तिथि 2023-09-08.
  3. "बरेली: पैगम्बर-ए-इस्लाम के जन्मदिन पर नहीं लगाएं 'सर तन से जुदा' के नारे, फरमान जारी". आज तक. 2022-10-08. अभिगमन तिथि 2023-09-08.
  4. "ईद मिलादुन्नबी पर निकला जुलूस ए मोहम्मदी, मजहबी झंडे के साथ शान से लहराया तिरंगा". sanjeevnitoday.com. 2018-11-22. मूल से 14 अगस्त 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2023-09-08.
  5. "परंपरागत तरीके से निकलेगा जुलूस-ए-मोहम्मदी, सुरक्षा के जबरदस्त इंतजाम". Navbharat Times. अभिगमन तिथि 2023-09-08.
  6. "अयोध्या: सरकार की आमद मरहबा, आका की आमद मरहबा… शान से निकला जुलूस-ए-मोहम्मदी". www.amritvichar.com. 2022-10-09. अभिगमन तिथि 2023-09-08.
  7. "वाराणसी: बारावफात पर सुन्‍नी जमीयत ने नहीं निकाला जुलूस". Navbharat Times. अभिगमन तिथि 2023-09-08.
  8. "Eid Miladunnabi 2022: Kanpur में निकला जुलूस ए मोहम्मदी, चंद्रेश्वर हाता के सामने की लेन खाली, देखें तस्वीरें - Eid Miladunnabi 2022 Procession e Mohamdi out on Eid Miladunnabi in Kanpur lane in front of Chandreshwar Hata was kept empty". Jagran. अभिगमन तिथि 2023-09-08.
  9. "106 वर्ष पहले हिंदू-मुस्लिम ने रखी थी 'जुलूस-ए-मोहम्मदी' की नींव | procession e mohammadi of kanpur is an example of hindu muslim harmony". Patrika News. 2019-11-12. अभिगमन तिथि 2023-09-08.
  10. "जुलूस-ए-मोहम्मदी में खूब लहराए तिरंगे". Hindustan. अभिगमन तिथि 2023-09-08.
  11. "कानपुर में निकला एशिया का सबसे बड़ा जुलूस-ए-मोहम्मदी". Amar Ujala. अभिगमन तिथि 2023-09-08.