जेट इंजन
जेट इंजन रॉकेट के सिद्धांत पर कार्य करने वाला एक प्रकार का इंजन है। आधुनिक विमान मुख्यतः जेट इंजन का ही प्रयोग करते है। रॉकेट और जेट इंजन का कार्य करने का सिद्धांत एक ही होता है लेकिन इस दोनो मे अंतर केवल यह है कि जहाँ रॉकेट अपना ईंधन स्वयं ढोता है जेट इंजन आस पास की वायु को ही ईंधन के रूप मे उपयोग करता है। इसिलिये जेट इंजन पृथ्वी के वातावरण से बाहर जहाँ वायु नही होती है, काम नही कर सकते। अंग्रेजी मे इन्हे 'एयर ब्रिदिन्ग इंजन' (air breathing engine) कहा जाता है जिसका शाब्दिक अर्थ "वायु मे साँस लेने वाला/वाले इंजन" है।
प्रकार
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- अन्य
इन्हें भी देखें
संपादित करें- क्षिपप्रणोदन (Jet Propulsion)
सन्दर्भ
संपादित करें- Brooks, David S. (1997). Vikings at Waterloo: Wartime Work on the Whittle Jet Engine by the Rover Company. Rolls-Royce Heritage Trust. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 1-872922-08-2.
- Golley, John (1997). Genesis of the Jet: Frank Whittle and the Invention of the Jet Engine. Crowood Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 1-85310-860-X.
- Hill, Philip; Peterson, Carl (1992), Mechanics and Thermodynamics of Propulsion (2nd संस्करण), New York: Addison-Wesley, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-201-14659-2
- Kerrebrock, Jack L. (1992). Aircraft Engines and Gas Turbines (2nd संस्करण). Cambridge, MA: The MIT Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-262-11162-1.