दादा जे.पी. वासवानी(2 अगस्त 1918 – 12 जुलाई 2018) एक भारतीय सिन्धी आध्यात्मिक गुरु थे। वे पुणे स्थित गैर सरकारी संगठन साधु वासवानी मिशन के प्रमुख थे। यह संस्था उनके गुरु साधु टी.एल. वासवानी द्वारा स्थापित की गई थी, जिसके विश्व भर में कई केंद्र हैं। यह संस्था सामाजिक और परोपकार संबंधी कार्य करती है। इसके अलावा उन्होंने शाकाहार और पशु अधिकारों के प्रचार के क्षेत्र में भी कार्य किया था। वे साक्षात करूणा और विनय की प्रतिमूर्ति थे। जीव मात्र के प्रति उनके मन में अगाध प्रेम था। उन्हें अप्रैल, 1998 में ‘यू थांट पींस अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया था। वे लगभग 130 से अधिक किताबें लिख चुके हैं।

जे.पी. वासवानी

दादा जे.पी. वासवानी
जन्म जशन पहलाज राय वासवानी
2 अगस्त 1918[1]
हैदराबाद, सिंध, ब्रिटिश भारत[2]
मौत 12 जुलाई 2018(2018-07-12) (उम्र 99)[3]
पुणे महाराष्ट्र, भारत
राष्ट्रीयता भारतीय
संबंधी पहलाज राय (पिता), कृष्णा देवी (माता)

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Dada Vaswani Master" [दादा वासवानी मास्टर]. Speakingtree.in. 2 अगस्त 1918. मूल से 12 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 अगस्त 2018.
  2. "Dada J. P. Vaswani" [दादा जे.पी. वासवानी]. सिन्धीशान. मूल से 12 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 अगस्त 2018.
  3. "Spiritual leader Dada J P Vaswani passes away - Times of India" [आध्यात्मिक नेता दादा जे पी वासवानी का निधन- टाइम्स ऑफ इंडिया]. टाइम्स ऑफ़ इंडिया. मूल से 25 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 अगस्त 2018.