जे मंजुला
जे. मंजुला[1] 'डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइज़ेशन' (डीआरडीओ[2]) में महानिदेशक[3] के पद पर नियुक्त होनेवाली पहली महिला हैं।
ये उन गिनी चुनी महिला वैज्ञानिकों [4]में शामिल हैं जिन्होंने भारतीय सेना को आधुनिकतम इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से लैस करने के काम को चुना।
उपलब्धि
संपादित करेंवे बीते 27 सालों कई अत्याधुनिक सिस्टम विकसित कर चुकी हैं जिनसे भारतीय सेना की दक्षता बढ़ती है।
इन सिस्टम्स की पड़ताल के लिए उन्हें अपनी टीमों को रेगिस्तान, पहाड़, जंगल और समुद्री पानी में ले जाकर इनपर अभ्यास करवाना होता है।
मंजुला[5] ने इलेक्ट्रानिक्स और कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है।
करियर
संपादित करेंमौजूदा वक्त में मंजुला[6] 'डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइज़ेशन' (डीआरडीओ) की 'इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन सिस्टम' की महानिदेशक हैं।
उनकी ज़िम्मेदारियों में भारतीय सेना के लिए बेहतर रेडार, आत्मसुरक्षित जैमर, इल्केट्रो-ऑप्टिकल यूनिट, एलएएसईआर सोर्स इत्यादि विकसित करना शामिल है।
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 11 दिसंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 दिसंबर 2016.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 18 दिसंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 दिसंबर 2016.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 6 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 दिसंबर 2016.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 29 जनवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 दिसंबर 2016.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 15 नवंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 दिसंबर 2016.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 15 जनवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 दिसंबर 2016.