जे मैकविकर हण्ट
जोसेफ मैकविकर हंट (19 मार्च, 1906 - 9 जनवरी, 1991) एक प्रमुख अमेरिकी शैक्षिक मनोवैज्ञानिक और लेखक थे। उन्होंने बाल बुद्धि की प्रकृति से संबंधित अवधारणाओं को बढ़ावा दिया और शोध किया । बेंजामिन ब्लूम ने भी इस पर कार्य किया था। उस काम के परिणामस्वरूप अंततः उन्होंने सीखने का सिद्धान्त प्रतिपादित किया जो सूचना प्रसंस्करण प्रणाली की अवधारणा पर केंद्रित था।
जोसेफ मैकविकर हंट
J. McVicker Hunt | |
---|---|
Born | March 19, 1906 |
Died | January 9, 1991 | (aged 84)
Other names | Joseph McVicker Hunt |
Alma mater | University of Nebraska-Lincoln |
Occupation | Professor of psychology |
Spouse | Esther Dahms (1929–1991) |
Children | 2 |
हंट का शिक्षण प्रतिमान (मॉडल)
संपादित करेंहण्ट के शिक्षण प्रतिमान को 'चिन्तन स्तर की शिक्षण व्यवस्था' भी कहते है। चिन्तन के स्तर पर शिक्षक अपने छात्रों में चिन्तन, तर्क तथा कल्पना शक्ति को बढ़ता है जिससे छात्र इन उपगमों के माध्यम से अपनी समस्या का समाधान कर सकें। इस स्तर पर शिक्षण में स्मृति तथा बोध दोनों स्तरों का शिक्षण निहित होता है। इसके बिना चिन्तन-स्तर का शिक्षण सफल नहीं हो सकता।
चिन्तन स्तर का शिक्षण समस्या केन्द्रित होता है। इसमें छात्र को मौलिक चिन्तन करना होता है। इस स्तर पर छात्र विषय-वस्तु के सम्बन्ध में आलोचनात्मक दृष्टिकोण अपनाते है। इस स्तर पर छात्र सीखे हुये तथ्यों तथा सामान्यीकरण की जाँच करता है और नवीन तथ्यों की खोज करता है।
इस शिक्षण के सम्बन्ध में विग्गी का कथन है कि
- चिन्तन स्तर के शिक्षण में कक्षा में एक ऐसा वातावरण विकसित किया जाता है, जो अधिक सजीव, प्रेरणादायक, सक्रिय, आलोचनात्मक, संवेदनशील हो और नवीन एवं मौलिक चिन्तन को खुला अवसर प्रदान करे। इस प्रकार का शिक्षण बोध स्तर के शिक्षण की अपेक्षा अधिक कार्य-उत्पादक को बढ़ावा देता है।
यह शिक्षण का सर्वोत्तम स्तर है जिसमें छात्र अपनी अभिव्यक्ति, धारणा, विचार, मान्यता तथा ज्ञान के अनुसार समस्या का समाधान, विचार एवं तर्क के द्वारा करता है तथा नवीन ज्ञान की खोज भी करता है। इस स्तर पर शिक्षक छात्रों के बौद्धिक व्यवहार के विकास के लिए अवसर प्रदान करता है और सृजनात्मक क्षमताओं के विकास में सहायक होता है। चिन्तन स्तर का शिक्षण स्मृति तथा बोध स्तर के शिक्षण से भिन्न होता है, परन्तु चिन्तन स्तर के शिक्षण के लिए स्मृति तथा बोध का स्तर, शिक्षण स्तर पहले होना आवश्यक है। हण्ट को चिन्तन स्तर के शिक्षण का प्रवर्तक माना जाता है।[1]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ [ahttps://ugcnetjrfnta.blogspot.com/2019/08/blog-post_16.html हण्ट शिक्षण मॉडल]