जॉर्ज फ्लॉयड विरोध
मिनियापोलिस पुलिस विभाग के एक अधिकारी डेरेक चौविन के हाथों जॉर्ज फ्लॉयड की मृत्यु के बाद 26 मई 2020 को मिनियापोलिस में अशांति शुरू हुई। प्रदर्शनों और विरोध प्रदर्शनों को शुरू में शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त कर दिया गया था, लेकिन एक पुलिस उपद्रव में खिड़कियों को तोड़ दिया गया था, दो दुकानों में आग लगा दी गई थी, और महानगर में अन्य दुकानों को लूट लिया गया था और क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। [१] कानून प्रवर्तन ने आंसू गैस की शूटिंग और रबर की गोलियों को भीड़ में मारकर जवाब दिया।
2020 Twin Cities riots | |||||||||||
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ऊपर से, बाएं से दाएं: टेक्सास नेशनल गार्ड ऑस्टिन , टेक्सास में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की भीड़ को देखता है ; प्रदर्शनकारियों ने मिनियापोलिस पुलिस के 3 पूर्वसंक्रमण को पछाड़ और जला दिया ; पेंसिल्वेनिया नेशनल गार्ड फिलाडेल्फिया , पेंसिल्वेनिया में एक विरोध प्रदर्शन में पुलिस का समर्थन ; जॉर्जिया नेशनल गार्ड और दंगा पुलिस में अटलांटा , जॉर्जिया में भीड़ होती है ; शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों ने वाशिंगटन, डीसी में हस्ताक्षर किए ; मिनियापोलिस , मिनेसोटा में पृष्ठभूमि में काम करने वाले अग्निशामकों के साथ एक धार वाली सड़क पर प्रदर्शनकारी ; आंसू गैस से घायल एक शांतिपूर्ण रक्षक का इलाज करते हुए जॉर्जिया नेशनल गार्ड मेडिक्स। | |||||||||||
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फ्लॉयड को मिनेसोटा के मिनियापोलिस में ‘कप फूड्स’ स्टोर के बाहर पुलिस ने पहले हिरासत में लिया, फ़िर उसकी गर्दन पर घुटनों के बल ( 8 मिनट 46 सेकेण्ड तक ) अपनी जेब में हाथ डाले हुए ऐसे बैठा रहा मानों कोई शेर हिरण को दबोचे हुए हों। इस दौरान फ्लॉयड 6 बार बेहोश भी हुए लेकिन शोविन का वह क्रूर ‘शो’ तबतक चलता रहा जबतक फ्लॉयड की मृत्यु नहीं हो गयी।
यह मृत्यु महज़ 20 डॉलर के नकली नोट को लेकर आरंभ हुए उस विवाद के कारण हुई जिसे देकर फ्लॉयड ने ‘कप फूड्स’ नामक स्टोर से सिगरेट का एक डब्बा ख़रीदा था। जब स्टोरवाले को उन्होंने 20 डॉलर का भुगतान किया तो उन्हें लगा कि यह नकली है और इसकी सूचना उन्होंने तुरंत पुलिस को दी। मिनियापोलिस में यह एक प्रोटोकॉल भी है कि यदि कोई नकली रुपये पकड़ में आएं तो उनकी सूचना आपराधिक सेल अधिकारियों को दिया जाए।
जॉर्ज फ्लॉयड के साथ हुए इस अमानवीय व्यवहार की निंदा करते हुए ‘नेशनल एसोसिएशन फॉर द एड्वांमेंट ऑफ़ कलर्ड पीपल’ ने कहा कि – “ये हरकतें हमारे समाज में काले लोगों के खिलाफ़ एक खतरनाक मिसाल बनाती हैं जो नस्लीय भेदभाव, ज़ेनोकोविया और पूर्वाग्रह से प्रेरित है। हम अब और मरना नहीं चाहते।” यह वक्तव्य वाकई में अश्वेत समुदाय की पीड़ा को अभिव्यक्त करने जैसा है।
जॉर्ज फ्लॉयड के ये अंतिम शब्द ‘आई कांट ब्रीद…’ आज लोगों के लिए मंत्र-सा बन गया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा (प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति) फ्लॉयड की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए लिखते हैं – “मैंने वह वीडियो देखा और मैं रोया। इस घटना ने मुझे एक तरह से तोड़कर रख दिया।”[1]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ मेरा रंग (2020-09-05). "समानता का संघर्षः अमेरिका की अश्वेत क्रांति पर एक दृष्टि, रोजा पार्क्स से जॉर्ज फ्लॉयड तक". MeraRanng- स्त्री विमर्श, फेमिनिज़्म हिंदी में, महिला सशक्तिकरण. अभिगमन तिथि 2021-06-14.[मृत कड़ियाँ]