जोजरी नदी
जोजरी अथवा 'जोजड़ी नदी' का उद्गम राजस्थान में नागौर जिले के पुन्दलू गांव की पहाड़ियों होता है।[1] यह नदी जोधपुर से बहते हुए दक्षिण-पश्चिम में बालोतरा में प्रवेश करती है और फिर मजल धूधाड़ा के पास लूनी नदी में मिल जाती है। इस नदी के लम्बाई 150 किलोमीटर है। लूनी की सहायक नदियों में यह सबसे लम्बी नदी है। लूनी नदी के पश्चिम की ओर चलने वाली जोजरी नदी प्राचीन सरस्वती नदी की एक धारा है, जो खेड़ तिलवाड़ा के निकट लूनी नदी में मिलती है। इसके क्षेत्र में आज भी धवा-कल्याणपुर सहित अन्य स्थानों पर बड़े कोल्हू यह प्रमाणित करते हैं कि सरस्वती कालीन इस नदी के किनारे प्राचीन काल में गन्ना, चावल और कपास की खेती होती थी।[2]
फ्रांस की राजधानी पेरिस की तर्ज पर 31 किमी लंबी वाटर फ्रंट पर्यटन स्थल विकसित करने की योजना जोजडी नदी के किनारे जोधपुर शहर के पास सालावास से बनाड़ के मध्य प्रस्तावित हैं।[3] लेकिन अब जोजरी नदी में केवल जोधपुर की फैक्ट्रियों का दूषित पानी आता है जिसने इसके आगे आने वाले गांव धवा,डोली के लोगों का जीवन तहस नहस कर दिया है! इसकी वजह से यहां कि भूमि बंजर हो गई है तथा पेड़ पौधे व वन्य जीव भी विलुप्त हो रहे है, सरकार इसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रही है धन्यवाद |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ सिंह, श्रवण. "जोजड़ी नदी के बारे में जानकारी". अभिगमन तिथि 17 जुलाई 2020.
- ↑ चौधरी, बंशीलाल. "सरस्वती: द लॉस्ट रिवर ऑफ थार डेजर्ट". अभिगमन तिथि 30 जुलाई 2020.
- ↑ भास्कर, दैनिक. "400 करोड़ से बनेगा 31 किमी का जोजरी रिवर फ्रंट सालभर बहेगा पानी, पार्क-कैफेटेरिया भी होंगे". अभिगमन तिथि 17 जुलाई 2020.