जोहत्सू
जापान में ऐसे लोग होते हैं जो अचानक अपनी पहचान को पूरी तरह से मिटा देते है और एक दूसरी पहचान के साथ एक नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं , उन्ही लोगों को जोहतसू कहा जाता है । ए लोग अपनी पुरानी जिंदगी का एक भी चिन्ह को नहीं छोड़ते है । जापानी सरकार के अनुसार हर वर्ष करीब एक लाख लोग जोहात्सू बन जाते है हालांकि इसकी संख्या अधिक भी हो सकती है क्योंकि ऐसे कई सारे लापता लोग होते हैं जिन्हे पुलिस नही ढूंढ पाती और इनमे से कई लोग जोहात्सू हो सकते हैं।
जोहात्सु का जापानी भाषा में अर्थ होता है "वाष्पीकरण" । जोहात्सू लोग भी भाप की तरह गायब हो जाते है इसलिए इन्हे जोहात्सू कहा जाता है। ऐसा माना जाता है की कई सारे लोग अपनी जिंदगी से तंग हो जाते है और इस जिंदगी का अंत कर एक नई जिंदगी की शुरुआत करना चाहते है इसलिए वे जोहात्सू बन जाते है । वैसे तो जोहात्सू जैसी घटनाएं अन्य देश जैसे की अमेरिका , यूनाइटेड किंगडम और जर्मनी में भी होते है लेकिन कुछ सांस्कृतिक कारणों की वजह से यह जापान में कुछ ज्यादा ही प्रचलित है।
कुछ लोग कर्ज में डूबे रहने के कारण तो कुछ लोग नौकरी छूटने के कारण जोहात्सू बन जाते है । कुछ लोग समाज द्वारा तिरिस्कृत रहते किसी अपराध के लिए जो उन्होंने किया ही न हो । ऐसे लोग समाज से bacne के लिए भी जोहात्सू बन जाते है । कुछ लोगों के संबंध अपने परिवार के साथ ठीक नहीं रहते तो कुछ लोग अपने दांपत्य जीवन से खुश नहीं रहते और जोहात्सू बन जाते है । जापान की कठोर कार्य संस्कृति को भी मुख्य कारण माना जाता है । जो लोग नौकरी छोड़ कर कुछ समय के लिए थोड़ा आराम करना चाहते है उन्हे भी समाज कटाक्ष के नजरिए से देखता है इसलिए वे लोग भी जोहात्सू बन जाते है ।
समाजशास्त्री हिरोकी नाकामोरी जिन्होंने जोहात्सू के बारे में एक दशक से अधिक सालों तक अनुसंधान किया है कहते हैं की जोहात्सू शब्द का प्रयोग 1960 के दशक के उन लोगों के लिए किया गया था जो अचानक गायब होने लगे थे । जापान में तलाक की दर बहुत कम है इसलिए जब लोग कुछ ज्यादा ही अपने पारिवारिक जिंदगी से परेशान हो जाते है उन्हे जोहात्सू बनना तलाक से ज्यादा आसान पड़ता है क्योंकि वहां तलाक लेने के लिए बहुत ही लंबी एवं जटिल प्रक्रिया होती है ।
जोहात्सू बनना जापान में इतना प्रचलित होगया है की वहां अब कई सारी कांपियां भी आ गई है जो लोगों को जोहात्सू बनने में मदद करती है । ऐसी कंपनियां लोगों से भारी रकम लेकर उनकी पहचान को पूरी तरह से मिटा देती है । बैंक अकाउंट से लेकर लोगों की डिजिटल पहचान को भी पूरी तरह से मिटा दिया जाता है । ए कंपनियां अपनी इस सुविधा को "नाइट मूविंग सर्विस" कहती है । ए कंपनियां न केवल एक व्यक्ति की पहचान को बदल सकते है बल्कि पूरे परिवार की ही पहचान बदल कर पूरे परिवार को ही एक नया जीवन de सकती है । ए कंपनियां पूरे परिवार का स्थानांतरण कर उन्हे दूसरी पहचान देती है ।
जो लोग जोहात्सू बन जाते है उनके परिवार वालों के लिए इस परित्याग को झेलना काफी मुश्किल भी हो जाता है और कई बार खुद जोहात्सू बने लोगों के लिए भी मुश्किलें बढ़ जाती है । उन्हे कई बार दुख और खेद की भावना को झेलना पड़ता है । कई लोगों को तो ऐसा महसूस होता है की उन्होंने कुछ गलत किया है ।
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