झारखंड पार्टी

यह भारत का एक राजनैतिक दल है।


झारखंड पार्टी (झापा) भारत में एक राजनीतिक दल है जिसका गठन 1949 में जयपाल सिंह मुंडा ने किया था। यह पार्टी अलग झारखंड राज्य की मांग के लिए बनी थी।

झारखण्ड पार्टी
Jharkhand Party
संक्षेपाक्षर झापा
नेता जयपाल सिंह मुंडा
गठन 1949
भारत की राजनीति
राजनैतिक दल
चुनाव

झारखंड पार्टी ने 1952, 1957 और 1962 के बिहार विधान सभा चुनावों में भाग लिया। 15 से अधिक वर्षों के लिए, झारखंड पार्टी बिहार में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के खिलाफ एकमात्र प्रमुख विपक्षी राजनीतिक दल थी। 1955 में झारखंड पार्टी ने राज्य पुनर्गठन आयोग को अलग झारखंड राज्य बनाने के लिए एक ज्ञापन सौंपा, लेकिन भाषाई और आर्थिक कारणों से राज्य नहीं बनाया गया।[1]

1936 में जयपाल सिंह मुंडा को छोटानागपुर उन्नति समाज के नेताओं ने संगठन का अध्यक्ष बनने के लिए संपर्क किया । सिंह ने 1939 में छोटानागपुर उन्नति समाज का नाम बदलकर अखिल भारतीय आदिवासी महासभा कर दिया। सिंह आदिवासी महासभा के अध्यक्ष बने। 1940 में कांग्रेस के रामगढ़ अधिवेशन में, उन्होंने सुभाष चंद्र बोस के साथ एक अलग झारखंड राज्य बनाने की आवश्यकता पर चर्चा की। बोस ने उत्तर दिया कि ऐसा अनुरोध स्वतंत्रता के संघर्ष को प्रभावित करेगा। भारत की स्वतंत्रता के बाद, आदिवासी महासभा झारखंड पार्टी के रूप में फिर से उभरी और इसने गैर-आदिवासी लोगों को दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए समायोजित किया। छोटानागपुर के आदिवासियों द्वारा सिंह को "मारंग गोमके" (जिसका अर्थ है 'महान नेता') के रूप में जाना जाता है ।

 
झारखंड पार्टी का पुराना चिन्ह्

पार्टी ने 1952 के चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया और बिहार विधान सभा की 325 में से 34 सीटें जीतकर एक प्रमुख विपक्षी पार्टी बन गई।

झारखंड पार्टी ने 1952 के चुनाव में भाग लिया और बिहार विधान सभा में 34 सीटें जीतीं। 1962 में उसने 20 सीटें जीतीं। 1955 में, झारखंड पार्टी ने राज्य पुनर्गठन आयोग को अलग राज्य के निर्माण के लिए एक ज्ञापन प्रस्तुत किया , लेकिन राज्य नहीं बनाया गया क्योंकि इस क्षेत्र में कई भाषाएँ थीं और आदिवासी भाषाएँ अल्पसंख्यक थीं।[2]

जयपाल सिंह अपनी पार्टी की गिरती लोकप्रियता और अलग झारखंड की मांग को खारिज करने से निराश थे।[3] 1963 में झारखंड पार्टी का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में विलय हो गया। पार्टी रैंकों के भीतर विलय काफी अलोकप्रिय था, और कई अलग-अलग समूह बनाए गए थे, जिनमें से कई ने झारखंड पार्टी के नाम का दावा किया, जैसे कि अखिल भारतीय झारखंड पार्टी, हुल झारखंड पार्टी और राज्य हुल झारखंड पार्टी।

1967 में, निरल एनेम होरो चुनाव में कोलीबेरा से झारखंड पार्टी के विधायक बने। 1971 में, झारखंड पार्टी का पुनर्गठन बागुन सुमराय द्वारा किया गया, जो अध्यक्ष चुने गए। होरो पार्टी के महासचिव बने। 12 मार्च 1971 को झारखंड पार्टी ने संसद के सामने झारखंड-मांग दिवस आंदोलन का आयोजन किया। 1975 में, निरल एनेम होरो को पार्टी का अध्यक्ष चुना गया और नोरेन हांसदा को महासचिव चुना गया। 1990 में एनई होरो अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्ष लाल रणविजय नाथ सहदेव, बायनील सम्मेलन में अशोक भगत महासचिव चुने गए। 2005 अनोश एक्का कोलेबिरा विधानसभा चुनाव चुने गए और झारखंड राज्य के कैबिनेट मंत्री और ग्रामीण विकास और परिवहन मंत्री भी बने, अनोश एक्का अध्यक्ष चुने गए और अशोक भगत महासम्मेलन में प्रधान महासचिव बने।

8 जनवरी 2009 को, झारखंड पार्टी के उम्मीदवार राजा पीटर ने अनोश एक्का और उपाध्यक्ष रणविजय नाथ शाहदेव की अध्यक्षता में झारखंड के मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को 9,000 से अधिक मतों से हराया।[4] श्री एनोस एक्का झारखंड पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, श्री अशोक कुमार भगत -प्रधान महासचिव, श्री किरण आइंद-कार्यकारी अध्यक्ष, श्री अजीत कुमार कार्यकारी अध्यक्ष,मोहम्मद रिजवान अहमद -कोषअध्यक्ष, श्रीमति अर्पणा हंस-उपाध्यक्ष, श्री ओपी अग्रवाल-उपाध्यक्ष,श्री उमेश कुमार पांडेय-महासचिव, आनंद पॉल तिर्की- केंद्रीय सचिव सह प्रवक्ता,श्री संतोष कुमार महतो-सचिव सह प्रवक्ता और श्री लाल किशोर दास (हेड-आईटी सेल) और श्री लोकेश चौहान-आईटी सेल प्रभारी झारखंड पार्टी।[5]

  1. "Reunion bells ring for Jharkhand Party factions". www.telegraphindia.com. अभिगमन तिथि 2023-02-15.
  2. Srivastava, Aaku (2022-09-06). Sensex Of Regional Parties (अंग्रेज़ी में). Prabhat Prakashan. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-5521-236-8.
  3. Kumāra, Braja Bihārī (1998). Small States Syndrome in India (अंग्रेज़ी में). Concept Publishing Company. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7022-691-8.
  4. "Jharkhand CM Shibu Sores loses in by-election" [झारखण्ड के मुख्यमंत्री शिबू सोरेन चुनाव में हारे] (अंग्रेज़ी में). सीएनएन-आईबीएन. ८ जनवरी २००९. मूल से 25 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १२ दिसम्बर २०१३.
  5. "झारखंड पार्टी की प्रत्याशी ने चलाया जनसंपर्क अभियान". प्रभात खबर. अभिगमन तिथि २९ मई २०२४.