झिंझुवाड़ा
झिंझुवाड़ा (Zinzuwada) भारत के गुजरात राज्य के सुरेन्द्रनगर ज़िले में स्थित एक गाँव है।[1][2][3]
झिंझुवाड़ा | |
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झिंझुवाड़ा दुर्ग का मुख्यद्वार | |
निर्देशांक: 23°21′00″N 71°39′18″E / 23.350°N 71.655°Eनिर्देशांक: 23°21′00″N 71°39′18″E / 23.350°N 71.655°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | गुजरात |
ज़िला | सुरेन्द्रनगर ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 7,593 |
भाषा | |
• प्रचलित | गुजराती |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
इतिहास
संपादित करेंझिंझुवाड़ा गाँव की स्थापना ज़ुंजा भरवाड ने की थी और गाँव का नाम उनके नाम पर रखा गया था।[4] पुराने समय में झिंझुवाड़ा केवल ज़ुंजा भरवाड का नेसडा था। नेसडा का अर्थ है गोप भरवाड जाति का निवास स्थान। उस समय पाटन के राजा कर्णदेव सोलंकी की रानी मिनलदेवी(मायनल्ला देवी) को गर्भाधान के दो वर्ष बीत जाने पर भी संतान उत्पन्न नहीं हो रही थी। एक बार प्रवास के दौरान रानी के दल ने ज़ुंजा भरवाड के नेसडा के पास डेरा डाला। बाद में, जब ज़ुंजा भरवाड को रानी के दुर्भाग्य के बारे में पता चला, तो उसने कहा कि रानी की सह-पत्नियों ने उसे कामन कला से मोहित कर लिया है,रानी की सह-पत्नियों ने रानी की चारों ओर एक मिट्टी का बर्तन घुमाकर और उसमें एक जीवित मेंढक को नीचे की ओर लटकाकर उस बर्तन को जमीन के अंदर गाड़ दिया है। उन्होंने कहा कि रानी का प्रसव तब तक नहीं होगा जब तक कि किसी युक्ति से मेंढक को बाहर नहीं निकाला जाता। उन्होंने रानी और उनके अनुयायियों को कुछ समय के लिए वहां रुकने के लिए कहा, और एक दूत के माध्यम से पाटन को संदेश भेजा कि रानी को एक बेटा हुआ है। अप्रत्याशित समाचार से और कामन कला की निरर्थकता से निराश रानी की सह-पत्नियाँ दबे हुए मेंढक को देखने गईं, जो तुरंत उछलकर बाहर आ गया और उसी क्षण गर्भवती रानी ने एक पुत्र को जन्म दिया। बच्चे का जन्म एक सिद्ध-पुरुष (एक जादूगर) के निर्देश से हुआ था, इसलिए उसका नाम सिद्धराज रखा गया और गाँव का नाम भी जुंजा भरवाड़ के नाम से झिंझुवाड़ा रखा गया और रानी के सम्मान में राजबाई माता का एक मंदिर बनाया गया था। ज़ुंजा भरवाड के भाई सेंसा भरवाड की याद में सेंसासर नामक एक बड़ी झील का निर्माण भी किया गया था।[5] [6]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Gujarat, Part 3," People of India: State series, Rajendra Behari Lal, Anthropological Survey of India, Popular Prakashan, 2003, ISBN 9788179911068
- ↑ "Dynamics of Development in Gujarat," Indira Hirway, S. P. Kashyap, Amita Shah, Centre for Development Alternatives, Concept Publishing Company, 2002, ISBN 9788170229681
- ↑ "India Guide Gujarat," Anjali H. Desai, Vivek Khadpekar, India Guide Publications, 2007, ISBN 9780978951702
- ↑ Sigrid Westphal-Hellbusch,Heinz Westphal. Hinduistische Viehzüchter im nord-westlichen Indien. Duncker und Humblot. पृ॰ 20. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9783428437450.
- ↑ Reginald Edward Enthoven. Folk Lore Notes: Folklore of Gujurat. Asian Educational Services. पृ॰ 63.
- ↑ Encyclopaedia of Indian Folk Literature. Cosmo publication s. पृ॰ 62.