झुंझुनू जिला

राजस्थान का ज़िला

झुंझुनू जिला भारत के राजस्थान का एक जिला है। इसकी सीमा सीकर, चुरू जिलो से तथा हरियाणा राज्य से लगती है।

झुंझुनू
—  जिला  —
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०)
देश  भारत
राज्य राजस्थान
विधायक बृजेन्द्र ओला
सासंद नरेंद्र कुमार खीचड़
जनसंख्या
घनत्व
2,137,045 (2010 के अनुसार )
क्षेत्रफल 5,928 वर्ग किलोमीटर कि.मी²

निर्देशांक: 28°19′N 76°04′E / 28.31°N 76.06°E / 28.31; 76.06

झन्झुनू जिला दिल्ली से २५० किलोमीटर और जयपुर से १८० किलोमीटर दुरी पर स्थित है। यह एक रेगिस्तानी इलाका है। पूर्व से पश्चिम कि सीमा ११० किलोमीटर व उत्तर से दक्षिण की सीमा १०० किलोमीटर है।

झन्झुनू जिला 27.5' से 28.5'उत्तरी अक्षांश तथा 75 से 76 डिग्री पूर्वी देशान्तर के मध्य है। इसका भौगोलिक क्षेत्र शुष्क है।

जनसांख्यिकी

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राजस्थान के जनगणना संचालन निदेशालय द्वारा राजस्थान के एक जिले झुंझुनू की आधिकारिक जनगणना 2011 की जानकारी जारी की गई है। राजस्थान के झुंझुनू जिले में जनगणना अधिकारियों ने महत्वपूर्ण व्यक्तियों की गणना भी की थी।

2011 में, झुंझुनू की जनसंख्या 2,137,045 थी, जिसमें पुरुष और महिला क्रमशः 1,095,8 9 6 और 1,041,14 9 थीं। 2001 की जनगणना में, झुंझुनू की आबादी 1,913,68 9 थी, जिनमें से पुरुष 983,526 थे और शेष 930,163 महिलाएं थीं। झुंझुनू जिला जनसंख्या कुल महाराष्ट्र आबादी का 3.12 प्रतिशत गठित। 2001 की जनगणना में, झुंझुनू जिले के लिए यह आंकड़ा महाराष्ट्र आबादी का 3.3 9 प्रतिशत था।

2001 के अनुसार आबादी की तुलना में जनसंख्या में 11.67 प्रतिशत परिवर्तन हुआ था। भारत की पिछली जनगणना में, झुंझुनू जिले में 1991 की तुलना में इसकी आबादी में 36.90 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

2011 की जनगणना के लिए कुल झुंझुनू जनसंख्या में से 22.89 प्रतिशत जिले के शहरी क्षेत्रों में रहता है। शहरी इलाकों में कुल 489,797 लोग रहते हैं जिनमें से पुरुष 253,178 हैं और महिलाएं 235,901 हैं। 2011 जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक झुंझुनू जिले के शहरी क्षेत्र में सेक्स अनुपात 932 है। इसी प्रकार 2011 की जनगणना में झुंझुनू जिले में बाल लिंग अनुपात 854 था। शहरी क्षेत्र में बाल आबादी (0-6) 65,951 थी जिसमें से पुरुष और महिलाएं 35,579 और 30,372 थीं। झुंझुनू जिले का यह बाल आबादी कुल शहरी आबादी का 14.05% है। जनगणना 2011 के अनुसार झुंझुनूं जिले में औसत साक्षरता दर 76.53% है जिसमें से पुरुष और महिला क्रमशः 87.3 9% और 65.03% साक्षर हैं। वास्तविक संख्या में शहरी क्षेत्र में 323,811 लोग साक्षर हैं, जिनमें से पुरुष और महिलाएं क्रमशः 190,162 और 133,64 9 हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, झुंझुनू जिलों की 77.11% आबादी गांवों के ग्रामीण इलाकों में रहती है। ग्रामीण इलाकों में रहने वाली कुल झुंझुनू जिला आबादी 1,647, 9 66 है, जिनमें से पुरुष और महिला क्रमशः 842,718 और 805,248 हैं। झुंझुनूं जिले के ग्रामीण इलाकों में लिंग अनुपात प्रति 1000 पुरुष 956 महिलाएं हैं। यदि झुंझुनूं जिले के बाल लिंग अनुपात के आंकड़ों पर विचार किया जाता है, तो प्रति 1000 लड़कों की संख्या 832 लड़कियां हैं। ग्रामीण इलाकों में 0-6 वर्ष की उम्र में बाल आबादी 222,519 है, जिनमें से पुरुष 121,483 थे और महिलाएं 101,036 थीं। झुंझुनू जिले की कुल ग्रामीण आबादी में बाल आबादी में 14.42% शामिल है। झुंझुनू जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता दर जनगणना डेटा 2011 के मुकाबले 73.42% है। लिंग के अनुसार पुरुष और महिला साक्षरता क्रमश: 86.75 और 59.77 प्रतिशत थी। कुल मिलाकर, 1,046,549 लोग साक्षर थे जिनमें से पुरुष और महिला क्रमश: 625,672 और 420,877 थीं।

वर्तमान में इंटरनेट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार झुंझुनू की जनसंख्या 23.37 लाख है।

झुंझुनू एक पुराना और ऐतिहासिक शहर है जिसका अपना जिला मुख्यालय है। ऐसा कहा जाता है कि विक्रम युग 1045 में इस पर चौहान वंश का शासन था। यह जयपुर से 180 किमी और दिल्ली से 245 किमी दूर स्थित है। यह जिला अपनी भव्य हवेलियों पर भित्तिचित्रों के लिए प्रसिद्ध है। यह भारतीय रक्षा बलों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व प्रदान करने के लिए भी प्रसिद्ध है। झुंझुनू जिले का नाम “झुंझा” या “जुझार सिंह नेहरा” नामक एक जाट की याद में रखा गया था। जिले की जनसंख्या 2,139,658 (2011 की जनगणना) है, जिसका क्षेत्रफल 5926 वर्ग किमी है, और जनसंख्या घनत्व 361 व्यक्ति प्रति किमी है। यह जिला शेखावाटी क्षेत्र के भीतर आता है, और उत्तर-पूर्व और पूर्व में हरियाणा राज्य, दक्षिण-पूर्व, दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम में सीकर जिले और उत्तर-पश्चिम और उत्तर में चूरू जिले से घिरा हुआ है।

दर्श स्थल

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बगड, बख्तावरपुरा, चिडावा, पिलानी, उदयपूर वाटी , मंडावा , नवलगढ़,तोगड़ा कलां आदि कस्बे इसी में है। झुंझुनूं का नाम लेते ही मन जोश एवं श्रद्धा से भर जाता है। यहां के जर्रे-जर्रे से उठने वाली देशभक्ति की आवाज से जोश तो गांव-गांव में स्थापित शहीदों की प्रतिमाओं को देखकर मन में श्रद्धा का भाव स्वतः ही आ जाता है।झुंझुनूं ही एक ऐसा जिला है जिसने पूरे देेेश में सबसे ज्यादा सैनिक दिए है, सेना में जाने तथा मातृभूमि के लिए शहीद होने का जज्बा जैसा यहां दिखाई देता है, शायद ही कहीं पर दिखाई दे। बात चाहे आजादी से पहले की हो या बाद की, जिले के जाबांज सैनिकों ने दुश्मनों के दांत खट्‌टे कर अपनी बहादुरी का लोहा मनवाया। वीरता के बाद झुंझुनूं का धर्म-कर्म के मामले में अलग मुकाम है। यहां जिला मुख्यालय पर स्थित दादी राणीसती का मंदिर तो विश्व भर में प्रसिद्ध हैं। झुंझुनूं में हजरत कमरुद्दीन शाह की दरगाह एवं चंचलनाथ जी टीला अपने आप में अनूठे हैं। बताया जाता है कि हजरत कमरुद्दीन एवं चंचलनाथ में गहरी दोस्ती थी। दोनों का साम्प्रदायिक सद्‌भाव भी गजब का था। तभी तो झुंझुनूं में आज भी दोनों जगह होने वाले कार्यक्रमों में गंगा-जमुनी संस्कृति का झलक दिखाई देती है।

यहां पर प्राचीन शिक्षा के केंद्र रहे हैं जिनमें पिलानी का नाम आता है

यहाँ बहुत से विश्व प्रसिद्ध व्यापारियों का जन्म हुआ। जिसमें घनश्याम दास बिड़ला, डालमिया, स्टील किंग मित्तल जैसे महान व्यापारी शामिल हैं जिन्होंने दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई है।

यहां का मंडावा , नवलगढ़, डूंडलोद अपनी हवेलियों के भित्ति चित्रों के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां की हवेलियां अपने आप में अनूठी हैं।

फिल्म नगरी के रूप में प्रसिद्ध मंडावा शहर झुंझुनू में ही स्थित है।

झुंझुनूं के उदयपुरवाटी तहसील के इंद्रपुरा गाँव के वीर जवान अमर शहीद कालूराम ओलखा को 10 सितम्बर 1965 भारत पाक युद्ध में 4 राजपूताना राइफल्स जम्मू कश्मीर के सांबा सेक्टर में शत्रुओं द्वारा अधिकृत एक जगह पर आक्रमण कर उस पर कब्ज़ा करने का काम सौंपा गया। हमले के दौरान उन पर एम एम जी से भारी गोलीबारी की गई और हथगोले फेंके गए। उनकी टुकड़ी के आधे से अधिक सैनिक मारे गए या घायल हो गए। कालूराम ने अपने बचे हुए जवानों को लड़ाई जारी रखने के लिए प्रेरित किया और घायल होने के बावजूद दुश्मन के एम एम जी युक्त दो बंकरों को बर्बाद दिया । लड़ाई के बाद इनकी गोलियां खत्म हो गई। कालूराम ने कारतूस नहीं होने के बाद भी राइफल के बट से कई दुश्मन सैनिकों को ढेर कर दिया। जब दुश्मनों ने उन पर एक और हथगोला फेंका तो उससे कालूराम गम्भीर रूप से घायल हो गए वे लहुलुहान चेहरे के साथ रेंगते हुए आगे बढ़े और अंतिम सांस लेने से पहले उन्होंने दुश्मन के अंतिम ठिकाने को नष्ट कर दिया। उन्होंने उत्कृष्ट वीरता तथा अदम्य शौर्य का प्रदर्शन किया

वर्तमान में झुंझुनू के सासंद विजेंद्र ओला हैं। भारत के पूर्व केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला का निर्वाचन क्षेत्र झुंझुनू ही था।