टाइटैनिक का डूबना
टाइटैनिक 15 अप्रैल 1912 को उत्तरी अटलांटिक महासागर में डूब गया था। उस समय यह सेवा में मौजूद सबसे बड़ा जहाज़ था।[1] टाइटैनिक साउथेम्प्टन से न्यूयॉर्क शहर तक अपनी पहली यात्रा में था। चौथे दिन यानी 14 अप्रैल को रात 11:40 (जहाज के समय) पर वह एक हिमखंड से टकराया।[2] उस पर अनुमानित 2,224 लोग सवार थे। 15 अप्रैल को जहाज़ के समयानुसार रात के 02:20 पर दो घंटे और चालीस मिनट बाद उसके डूबने से 1,500 से अधिक लोगों की मौत हो गई।[3] इससे यह इतिहास की सबसे घातक शांतिकालीन समुद्री आपदाओं में से एक बन गई।[4]
एक जर्मन चित्रकार द्वारा टाइटैनिक के डूबने का दृष्टांत। | |
तिथि | 14–15 अप्रैल 1912 |
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समय | 23:40–02:20 (02:38–05:18 जी एम टी) |
स्थान | न्यूफाउंडलैंड के 370 मील (600 कि॰मी॰) दक्षिण पूर्व में, उत्तरी अटलांटिक महासागर |
निर्देशांक | 41°43′32″N 49°56′49″W / 41.72556°N 49.94694°Wनिर्देशांक: 41°43′32″N 49°56′49″W / 41.72556°N 49.94694°W |
कारण | 14 अप्रैल को एक हिमखंड से टक्कर |
मृत्यु | 1,490–1,635 |
टाइटैनिक को 14 अप्रैल को रास्ते में समुद्री बर्फ़ की चट्टान होने की छह चेतावनियाँ मिली थी। लेकिन जब उसके निगरानी वाले कर्मचारियों ने हिमखंड देखा, तब वह लगभग 22 नॉट (41 किमी/घंटा) की गति से यात्रा कर रहा था। इस तेज़ी में वह पूरी तरह से मुड़ने में असमर्थ रहा था और वह किनारे से हिमखंड से टकरा गया। उसके सोलह डिब्बों में से छह समुद्र की ओर खुल गए। टाइटैनिक को उसके आगे के चार डिब्बों में पानी भर जाने पर भी तैरते रहने के लिए डिज़ाइन किया गया था। लेकिन अब छह में पानी भर गया था इसलिए वह अब डूब रहा था। टाइटैनिक की आपातकालीन व्यवस्था उस समय की प्रणाली के अनुसार बचाव नौकाओं से यात्रियों को दूसरे जहाज में ले जाने के लिए बनी थी। लेकिन जहाज़ तेज़ी से डूब रहा था और मदद मिलने में अभी भी घंटों का समय था। केवल बीस बचाव नौकाओं होने के कारण कई यात्रियों और चालक दल के लिए कोई सुरक्षित शरण मौजूद नहीं थी।
टाइटैनिक के डूब जाने के समय उसमें एक हज़ार से ज़्यादा यात्री और कई चालक दल के सदस्य अभी भी सवार थे। पानी में गिरने वाले लगभग सभी लोग ठंडे पानी के झटके और हाइपोथर्मिया के कारण कुछ ही मिनटों में मर गए। टाइटैनिक के डूबने के लगभग डेढ़ घंटे बाद कार्पेथिया नामक जहाज़ वहां पहुंचा और 15 अप्रैल को सुबह 9:15 बजे तक उसने सभी 710 बचे लोगों को बचा लिया। इस आपदा ने दुनिया को झकझोर कर रख दिया और बचाव नौकाओं की कमी, ढीले नियम-कायदे और निकासी के दौरान तीसरे दर्जे के यात्रियों के साथ असमान व्यवहार को लेकर व्यापक आक्रोश पैदा हुआ।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "आज ही के दिन डूबा था टाइटैनिक जहाज, जानिए क्या था इसका पूरा नाम". जनसत्ता. 15 अप्रैल 2024. अभिगमन तिथि 17 जुलाई 2024.
- ↑ "चारों तरफ समंदर, नाउम्मीद लोग और हाहाकार... डूबते वक्त टाइटैनिक पर बज रहा था ये गाना". आज तक. 24 जून 2023. अभिगमन तिथि 17 जुलाई 2024.
- ↑ "टाइटैनिक हादसा: किस वजह से हुई थीं इतनी अधिक मौतें". बीबीसी हिन्दी. 16 अप्रैल 2024. अभिगमन तिथि 17 जुलाई 2024.
- ↑ "Today History: टाइटैनिक के डूबने के 73 बरस बाद पहली बार उसकी तस्वीरें आज ही के दिन आईं सामने". एनडीटीवी इंडिया. अभिगमन तिथि 17 जुलाई 2024.