टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान (अंग्रेज़ी: Tata Institute of Fundamental Research, TIFR) उच्च शिक्षा की महानतम् भारतीय संस्थाओं में से एक है। यहां मुख्यतः प्राकृतिक विज्ञान, गणित और कम्प्यूटर विज्ञान में अनुसंधान कार्य किया जा रहा है। यह मुम्बई के कोलाबा क्षेत्र में समुद्र के किनारे स्थित है।

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च

स्थापित1जून 1945
प्रकार:अनुसंधान संस्थान
निदेशक:प्रो॰ जयराम चेंगलूर
अवस्थिति:मुंबई,  भारत
परिसर:शहरी
जालपृष्ठ:http://www.tifr.res.in

यहां का स्नातक कार्यक्रम अधोलिखित सभी विषयों में डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पी एच डी) की उपाधि प्रदान करता है।

यह संस्थान होमी भाभा के निर्देशन में सन् १९४५ में स्थापित हुआ। इसे जून २००२ में समविश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ।

सन् १९४९ में होमी जहांगीर भाभा जिन्हें भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के विकास में उनके योगदान के लिए जाना जाता है ने एक वैज्ञानिक शौध संस्थान स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता का अनुरोध करते हुए सर दोरबजी टाटा ट्रस्ट को लिखा।[1]

अनुसंधान के क्षेत्र

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यहां रसायन विज्ञान, गणित, कम्प्यूटर विज्ञान, जन-स्वास्थ्य, जीव विज्ञान, भौतिकी तथा विज्ञान शिक्षण में शोध कार्य किया जाता है।

इस संस्थान के शोध को तीन मुख्य श्रेणियों में बांटा गया है-

  • गणित का विद्यालय
  • प्राकृतिक विज्ञानों का विद्यालय
  • तकनिकी एवं कम्प्यूटर विज्ञान का विद्यालय

संबद्ध अनुसंधान संस्थाएँ

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टी आई एफ आर से सम्बद्ध कुछ शोध संस्थाएं इसके कोलाबा (मुम्बई) स्थित मुख्य परिसर के बाहर भी स्थित हैं-

  1. Bhattacharya, Shobo. "Fanning the spirit of frontier science". Tata sons Ltd. मूल से 10 मई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 नवम्बर 2010.

बाहरी कड़ियाँ

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टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान का जालघर (अंग्रेज़ी में)