गाड़ियों के बेकार हो गये टायरों के पुनर्चक्रण की प्रक्रिया को टायर का पुनर्चक्रण या 'रबर का पुनर्चक्रण' कहते हैं। बेकार हो गये टायर आजकल सबसे बड़ा और सबसे अधिक समस्या करने वाला कचरा है क्योंकि आजकल भारी मात्रा में इनका उत्पादन और खपत हो रही है तथा इन टायरों में बहुत से ऐसे पदार्थ हैं जो पर्यावरण की दृष्टि से बहुत सी समस्यायें पैदा करते हैं। ऐसा अनुमान है कि लगभग २६ करोड़ टायर प्रतिवर्ष बेकार हो जाते हैं। (1980 तथा 1990 के दशक के आंकड़े)[1]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Bandyopadhyay, S.; Agrawal, S.L.; Ameta, R.; Dasgupta, S.; Mukhopadhyay, R.; Deuri, A.S.; Ameta, Suresh C.; Ameta, Rakshit (2008). "An overview of rubber recycling". Progress in Rubber, Plastics and Recycling Technology 24: 73–112.