ट्रफ़ैलगर का युद्ध
ट्रफ़ैलगर का युद्ध (अंग्रेज़ी: Battle of Trafalgar, बैटल ऑफ़ ट्रफ़ैलगर) ब्रिटिश नौसेना का फ़्रांसिसी और स्पेनी मिलीजुली नौसेना के एक आक्रामक बेड़े के साथ २१ अक्टूबर १८०५ में लड़ा गया एक समुद्री युद्ध था। नेपोलियन फ्रांस का सम्राट बनकर ही संतुष्ट नहीं हुआ वह समस्त विश्व को जीतने की योजना बनाने लगा। नेपोलियन की विश्व विजय योजना में बाधा उत्पन्न करने वाला मुख्य देश इंग्लैंड था। अब इंग्लैंड भी फ्रांस को अपना शत्रु मानने लगा था क्योंकि वह जानता था कि फ्रांस ही एक ऐसा राज्य है जो उसे चुनौती दे सकता है। अतः इंग्लैंड के प्रधानमंत्री पिट ने 1805 ईसवी में फ्रांस के विरुद्ध यूरोपीय देशों का एक तृतीय गुट खड़ा कर दिया। इस ग्रुप में इंग्लैंड के साथ रूस और ऑस्ट्रिया था। यह तीसरे गुट के युद्ध सिलसिले की एक जंग थी। इसमें ब्रिटेन की भारी जीत हुई, हालांकि फ़्रांसिसी-स्पेनी हमलावर ३३ जहाज़ लेकर आये थे और ब्रिटेन के पास २७ जहाज़ थे। इस लड़ाई को जीतने का श्रेय ब्रिटेन के नौसेनाध्यक्ष होरेशियो नेलसन के नेतृत्व को दिया जाता है हालाँकि इसमें लगी हुई चोट से वह अपनी जान खो बैठे।[1]इस युद्ध में ब्रिटेन के जलशक्ति सर्वोपरी साबित हुई। ट्रफ़ैलगर का युद्ध फ्रांस के लिए बहुत घातक सिद्ध हुई, जिसके पश्चात नेपोलियन ने सदैव के लिए जल मार्ग से आक्रमण करने की योजना त्याग दी। नेपोलियन ने इस पराजय का बदला स्थल युद्धों में पूरा किया। फ़्रांसिसी-स्पेनी नौसेना की सरदारी फ़्रांसिसी नौसेनाध्यक्ष पियेर-शार्ल विलन्यूव (Pierre-Charles Villeneuve) कर रहे थे। इस मुठभेड़ में फ़्रांसिसी-स्पेनी नौसेना की २२ किश्तियाँ तबाह हो गई लेकिन ब्रिटिश नौसेना की एक भी किश्ती नहीं खोई गई। यह साबित हो गया कि यूरोप का कोई भी अन्य देश ब्रिटेन कि टक्कर की समुद्री शक्ति नहीं रखता था।[2]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Peter Warwick. "Voices from the Battle of Trafalgar". David & Charles, 2005. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780715320006.
- ↑ "Battle of Trafalgar | Summary, Facts, & Significance". Encyclopedia Britannica (अंग्रेज़ी में).