Solid Modeling - ठोस वस्तुओं के प्रारूप बनाने को ठोस प्रतिमन कह सकते हैं। इसका काम भौतिक वस्तुओं के गणकीय (या गणितीय) समरूप तैयार करना है। इसका प्रयोग यांत्रिकी, एनिमेशन, विश्लेषण और उत्पादन जैसी विधाओं में होता है।

किसी CAD Model को बनाने की प्रक्रिया - पहले आरेख, फिर सतह और फिर आयतन। इसके बाद और आयतन जोड़ना, गोल बनाना, खोखला करना इत्यादि

इसका उद्देश्य ठोस आकृतियों को कंप्यूटर पर दिखाया, रूप और आकार बदलना, काट सकना, जोड़ करना इत्यादि जैसे कामों के लिए तैयार करना है। इसके मॉडल बना देने से इसको एकदम सूक्ष्म जालों द्वारा आच्छादित कर इस पर बल और गति के प्रभाव के विश्लेषण भी किये जाते हैं। इसके करने के लिए जिन सॉफ्‍टवेर या तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है उनमें AutoCAD, ProEngineer, UG के नाम प्रसिद्ध हैं।


नाम संपादित करें

इसका नाम जो Solid Modeling का अर्थ दर्शाता है - किसी भौतिक वस्तु (खासकर ठोस वस्तुओं ) को कंप्यूटर पर देखने लायक नमूना बनाने से है। यह ठोसों को देख सकने के आधारभूत तकनीक के लिए प्रयुक्त होता है। यह ठोस विश्लेषण और कंप्यूटर ग्राफ़िक्स की विधा से अलग है।

तकनीक संपादित करें

पृष्ठभूमि तकनीक के तौर पर इसमें स्थान को या आकाश को छोटे-छोटे घन आयतनों में बाँट दिया जाता है। जब आप कोई वस्तु बनाते हैं तो ये सुनिश्चित किया जाता है कि कौन का छोटा-घन आपकी वस्तु का अंग है और कौन सा नहीं। जो छोटा-घन आपकी वस्तु का अंग है उसे आपकी वस्तु का रंग, चमक और गुण (जैसे तन्यता, मजबूती, ताप-चालकता) इत्यादि का मान दे दिया जाता है। इसके बाद उसे प्रदर्शित करने या विश्लेषण करने में आसानी होती है। इन अणु आयतनों को Voxel कहते हैं।

प्रदर्शन के बारे में ये ध्यान रखें कि किसी अपारदर्शी वस्तु के उपरी सतह पर जो होगी वही आपको दिखेगी, अन्दर की चीज़ नहीं। अगर आपको अन्दर की चीजें देखनी है तो ठोस को काटने जैसी क्रिया की जाती है।


सन्दर्भ संपादित करें

साँचा:गणक-आधार