डज़ाइन (German pronunciation: [ˈdaːzaɪn]) (अन्य उच्चारण डज़ीन, डेज़ीन, डेज़ाइन इत्यादि) एक जर्मन शब्द है जिसका हिन्दी में मतलब 'अस्तित्व' होता है।[1][2] यह जर्मन दार्शनिक मार्टिन हाइडेगर के अस्तित्ववादी दर्शन की मूलभूत अवधारणा है। हाइडेगर डज़ाइन शब्द का प्रयोग होने के लिए किया है और वहाँ उनका मुख्य रूप से मतलब मनुष्य होने से है। इस प्रकार यहाँ होने का ऐसा रूप है कि जो व्यक्तित्व, मृत्यु और स्वयं के अन्य लोगों के साथ जीवन में होने वाले सम्बंधों की दुविधा, विरोधाभाष एवं अंततः अकेलेपन जैसे मुद्दों से अवगत होना चाहिए।

हाइडेगर की पुनः व्याख्या

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जर्मन में डज़ाइन "अस्तित्व" के लिए स्थानीय शब्द है। यह डा-ज़ाइन (da-sein) से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ "वहाँ होना" है[3]—यद्यपि हाइडेगर के अनुसार यह डज़ाइन का अनुचित अनुवाद था।[4] हाइडेगर के लिए डज़ाइन होने (अस्तित्व) का रास्ता है। इस रास्ते में अभी की दुनिया के साथ भागीदारी और इसका ध्यान रखना भी शामिल है जबकि उस भागीदारी के प्रासंगिक तत्वों को प्राथमिकता देना और स्वयं की विकसित प्रकृति के प्रति हमेशा जागरूक रहना है।[3]

इस प्रामाणिक स्व के विपरीत रोजमर्रा और अप्रामाणिक डज़ाइन है, किसी के व्यक्तिगत भाग्य और जीवन काल का मतलब सार्वजनिक रोजमर्रा की दुनिया से निमज्जित होना है।[5]:64–81

थियोडोर एडोर्नो के अनुसार डज़ाइन की हाइडेगर की अवधारणा ऐतिहासिक वास्तविकता से आदर्शात्मक रूप से पीछे हटना है।[6]

रिचर्ड रोर्टी मानते हैं कि डज़ाइन की अवधारणा के साथ हाइडेगर होने को नाज़ीवाद के अनुसार रूढ़िवादी मिथक बनाते हैं।[7]

जूलियन वुल्फ्रेयस के अनुसार - "हाइडेगर के सत्तामीमांसा के अमूल्य योगदान के बावजूद इसमें कोई सीधा संबंध नहीं है, फिर भी वो डज़ाइन और होने की समस्यात्मक माध्यम से डज़ाइन के मध्य संबंध को कम किया।"[8]:110–111

  1. Dasein literally means "being there" or "presence" (German: da "there"; sein "to be")
  2. "Dasein Hindi Meaning: ईश्वर īśvar Meaning, German To Hindi Dictionary". Darsaal (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2024-02-08.
  3. J. Childers/G. Hentzi eds., The Columbia Dictionary of Modern Literary and Cultural Criticism (1995) p. 70
  4. Dreyfus, H. L., Being-in-the-World: A Commentary on Heidegger's Being and Time (Cambridge, MA: MIT Press, 1990).
  5. Collins, J.; Selina, H.; & Appignanesi, R. (1998). Heidegger for Beginners (Duxford, Cambridge: Icon Books), pp. 64–81.
  6. Jameson, Fredric (2005). Michael Hardt; Kathi Weeks (संपा॰). The Jameson Reader. Blackwell Publishers. पृ॰ 75. OCLC 864874128. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-631-20269-1.
  7. Collins, Jeff; Selina, Howard; Appignanesi, Richard (1998). Heidegger for Beginners. Icon Books. पपृ॰ 170, 110. OCLC 722818057. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 1-84046-003-2.
  8. Wolfreys, Julian (2015-03-08). Introducing Criticism in the 21st Century (अंग्रेज़ी में). एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी प्रेस. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-7486-9531-7. There is no direct 'face'-to-'face' relation for Heidegger; despite his invaluable critique of ontology, he still reduces the relation between Dasein and Dasein as mediated by the question and problematic of being.