यह हिंदी के प्रसिद्ध कथाकार शैलेश मटियानी द्वारा लिखी गई एक दीन-हीन व्यक्ति की कहानी है जिसे कुछ गुंडे पीर घोषित कर लोगों को ठगते हैं।