डर्माटोफेजिया या अंगुली की त्वचा खाना (Dermatophagia; प्राचीन यूनानी δέρμα - त्वचा - और φαγεία - खाना) एक बाध्यता विकार है जिसमें व्यक्ति त्वचा को दांतों से काटने अथवा खाने लग जाता है जिसमें मुख्यतः वो अपनी अंगुलियों की त्वचा के साथ ऐसा करता है। इस बिमारी से ग्रस्थ व्यक्ति अपनी अंगुलियों की नाखूनों के पास की त्वचा को काटते हैं जिससे रक्त बाहर निकलने लगता है और त्वचा में रंग विकार भी होने लगता है। इस समस्या से ग्रस्त कुछ लोग अपनी अंगुली के पोर को भी काटने लग जाते हैं जिससे इसमें दर्द होना और खून निकलना आरम्भ हो जाता है। कुछ इस दौरान अपनी अंगुलियों का मांस भी खा जाते हैं। इस क्षेत्र में किए गये शोधों से ज्ञात होता है कि मनोवेग नियंत्रण विकार और मनोग्रसित-बाध्यता विकार एक दूसरे से जुड़े हुये हैं।[1] यह डीसीएम-५ की श्रेणी में आता है।[2][3]

डर्माटोफेजिया
नाखून काटने की परम सीमा जिसमें सनकी बाध्यकारी विकार अथवा ओब्सेसिव क्म्पलसिव विकार (ओसीडी) कहते हैं अथवा यह ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिस्ऑर्डर (इसी उदाहरण में प्रस्तुत घटना) अथवा लेस्च-नहान सिंड्रोम कहलाता है।
अंगुली खाने के विकार के कारण अत्यधिक मात्र में किसी व्यक्ति की काटी गयी अंगूली
अंगुली की त्वचा खाने की बिमारी से ग्रस्थ व्यक्ति की अंगुलियाँ। बार बार त्वचा को काटने से त्वचा अपना रंग खो देती है और रक्तरंजित दिखाई देने लगती है।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  2. "Nail-Biting May Be Classified As OCD In New DSM". The Huffington Post. 1 November 2012. मूल से 29 सितंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 February 2013.
  3. American Psychiatric Association. "DSM-5: The Future of Psychiatric Diagnosis". मूल से 30 जनवरी 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 February 2013.