हैलोएल्केन (जिन्हें एल्काइल हैलाइड भी कहते हैं) उन अकार्बनिक यौगिक समूह का नाम होता है जिसमें मीथेन, ईथेन इत्यादि जैसे एल्केन्स में एक या अधिक हैलोजन अणु, जैसे क्लोरीन, ब्रोमीन, आयोडीन अथवा फ्लोरीन आदि जुड़ कर उनसे कार्बनिक हैलाइड बनाते हैं।

टेट्राफ्लोरोईथेन (एक हैलोएल्केन) एक पानीदार तरल होता है, जो सामान्य तापमान के नीचे भी उबलने लगता है। इसका उत्पादन कैन्ड वायु से किया जा सकता है