डायरी लेखन
डायरी लेखन व्यक्ति के द्वारा लिखा गया व्यक्तिगत अनुभवों, सोच और भावनाओं को लेखित रूप में अंकित करके बनाया गया एक संग्रह है। विश्व में हुए महान व्यक्ति डायरी लेखन करते थे और उनके अनुभवों से उनके निधन के बाद भी कई लोगों को प्रेरणा मिलती है। डायरी गत साहित्य की एक प्रमुख विधा है इसमें लेखक आत्म साक्षात्कार करता है। वह अपने आपसे सम्प्रेषण की स्थिति में होता है।
मानव के समस्त भावों मानसिक उद्वेगों,अनुभूति विचारों को अभिव्यक्त करने में साहित्य का सर्वोच्च स्थान है।समीक्षकों ने डायरी को साहित्य की कोटि में इसलिए रखा है क्योंकि वह किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति के व्यक्तित्व का उदघाटन करती है या मानव समाज के विभिन्न पक्षों का सूक्ष्म और जीवंत चित्र उपस्थित करती हैं। डायरी लेखक अपनी रूचि आवश्यकतानुसार राजनीतिक,सामाजिक,सांस्कृतिक,धार्मिक साहित्यिक अधिक विभिन्न पक्षों के साथ निजी अनुभूतियों का चित्रण कर सकता है।
प्राचीन काल में राजा महाराजाओं के समय भी एक रोज़नामा तैयार किया जाता था जो रोजाना के कार्य और घटनाओं का विवरण देता था। व्यापारियों दुकानदारों द्वारा भी हिसाब किताब और लेन-देन का ही विवरण सुरक्षित रखने हेतु बही खाते का प्रयोग किया जाता है यह भी डायरी लेखन माना जाता है। अतः डायरी लेखन अतिथि मित्रों को और जीवन की भरी हुई घटनाओं को याद करने का एक माध्यम है। डायरी लेखन मुख्य चार प्रकार का होता हैं: व्यक्तिगत डायरी, वास्तविक डायरी, काल्पनिक डायरी और साहित्यिक डायरी
डायरी लेखन एक कलात्मक क्रिया है। एक डायरी को हम अपने विश्वस्त मित्र की तरह मान सकते हैं, जहां हम अपने सुख-दुःख, विचारों, विमर्श, और काम की संबंधित गोपनीयता को बिना झिझक के प्रकट कर सकते हैं। डायरी लेखन हमारे मानसिक विकास और सृजनात्मकता को बढ़ावा देती है।
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