डी.वी. पलुस्कर
पंडित दत्तात्रेय विष्णु पलुस्कर (28 मई 28, 1921 – 25 अक्टूबर 25, 1955), हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के गायक थे। उन्हें एक विलक्षण बालक के तौर पर जाना जाता था।
दत्तात्रेय विष्णु पलुस्कर | |
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पण्डित दत्तात्रेय विष्णु पलुस्कर | |
पृष्ठभूमि | |
जन्म | 28 मई, 1921 |
मूलस्थान | नासिक, महाराष्ट्र, भारत |
निधन | 26 अक्टूबर, 1955 (34 वर्ष की आयु में) मुम्बई, महाराष्ट्र, भारत |
विधायें | हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत |
पेशा | हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गायक |
सक्रियता वर्ष | 1935–1955 |
लेबल | HMV |
प्रारंभिक जीवन और पृष्ठभूमि
संपादित करेंपंडित डी. वी. पलुस्कर का जन्म नासिक, महाराष्ट्र, भारत में एक विख्यात हिंदुस्तानी संगीतकार विष्णु दिगंबर पलुस्कर के यहाँ हुआ।[1]
जब उनके पिता का देहांत हुआ वे केवल दस वर्ष के थे और तत्पश्चात उन्हें पंडित विनायकराव पटवर्धन और पंडित नारायणराव व्यास ने प्रशिक्षित किया। उन्हें पंडित चिंतामनराव और पंडित मिराशी बुवा ने भी प्रशिक्षण दिया।
करियर
संपादित करेंडी. वी. पलुस्कर ने अपना पहला कार्यक्रम चौदह वर्ष की आयु में पंजाब में हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन में दिया। उत्तराधिकार में उन्हें ग्वालियर घराना और गंधर्व महाविद्यालय मिला, परंतु वे अन्य घरानों और शैलियों की सुंदर विशेषताओं को अपनाने के लिए हमेशा तैयार रहते थे।
उनकी आवाज़ बहुत मधुर और सुरीली थी। उनके आलाप उनके गाये राग का स्पष्ट रेखांकन करते थे; इसके बाद उनकी सहज शैली की तानों से सुसज्जित बंदिशें आती थीं। उन्हें थोड़ी ही अवधि में राग का संपूर्ण आकर्षक चित्र प्रस्तुत करने में महारत हासिल थी। उनकी पहली डिस्क 1944 में बनी और उन्होंने 1955 में भारतीय सांस्कृतिक प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में चीन का दौरा किया।
शुद्ध शास्त्रीय संगीत के अतिरिक्त वे महान भजन गायक भी थे।
उन्हें फिल्म बैजू बावरा (1952 फिल्म) में उस्ताद अमीर ख़ान के साथ एक अविस्मरणीय युगलबंदी के लिए भी जाना जाता है।[2] जिस अन्य फिल्म में उन्होंने वह एक बंगाली फिल्म 'शाप मोचन' थी।
निजी जीवन
संपादित करेंउनका निधन 26 अक्टूबर 1955 को एनसिफिलाइटिस के कारण हुआ।
डिस्कोग्राफी
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 3 सितंबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 फ़रवरी 2010.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 26 मई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 फ़रवरी 2010.