डू ऍन्ड्रॉइड्स ड्रीम ऑफ़ इलॅक्ट्रिक शीप?

डू ऍन्ड्रॉइड्स ड्रीम ऑफ़ इलॅक्ट्रिक शीप? एक विज्ञान गल्प उपन्यास है। इसे अमरीकी लेखक फिलिप के. डिक ने लिखा तथा 1968 में सर्वप्रथम प्रकाशित हुआ। इसकी मुख्य पटकथा रिक डेकार्ट पर आधारित है, जो ऍन्ड्रॉइडों (एक प्रकार के रोबोट जो हू-ब-हू मनुष्य से मिलते जुलते हैं) का एक व्यावसायिक शिकारी (bounty hunter) है। इसकी द्वितीयक पटकथा जॉन इसिडोर पर आधारित है, जो कम औसत बुद्धि का व्यक्ति है और जो कि कुछ ऍन्ड्रॉइडों को मित्र भी बना लेता है।

यह उपन्यास महाविनाश (कयामत) के बाद का काल दिखाता है। इस समय पृथ्वी व इसकी जनसंख्या नाभिकीय युद्ध से बुरी तरह प्रभावित हो चुकी है (तृतीय विश्व युद्ध या वर्ल्ड वॉर टर्मिनस के कारण)। अधिकांश जानवर अत्यधिक विकिरण विषाक्तता के कारण या तो संकटापन्न हो गये हैं या विलुप्त! पशु का मालिक होना प्रतिष्ठा का चिह्न माना जाता है और इसमें भी मनुष्य उनके प्रति जो भावनाएँ रखते हैं उनपर ज्यादा जोर दिया जाता है।

डेकार्ड का, "रिटायर होते हुए" छः नेक्सस-6 मॉडल के एन्ड्रॉइडों से सामना होता है, जो नवीनतम व सबसे उन्नत मॉडल है। इसके कारण यह उपन्यास इस विषय का भी अन्वेषण करता है कि मनुष्य होना क्या है। मनुष्यों से भिन्न, एन्ड्रॉइडों के पास परदुःखकातरता (सहानुभूति) नहीं होती है। साररूप में, डेकार्ड इस बात का अन्वेषण करता है, कि मनुष्य को परिभाषित करने वाले गुण क्या हैं, जो कि मनुष्य को एन्ड्रॉइडों (यन्त्र-मानवों) से अलग करते हैं।

इस पुस्तक की पटकथा 1982 की फ़िल्म ब्लेड रनर का मुख्य आधार बनी।


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