डेफ़-चाइल्ड इंडिया दक्षिण भारत के तमिलनाड राज्य की एक समाजसेवी संस्था है। यह दरअसल नम्बिक्कई फ़ाउन्डेशन की परियोजना है। इसके अंतरगत राज्य के बहरे बच्चों को आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी पहुँचाई जाती है बहरेपन के कारण कान से नहीं सुन पाने वाले बच्चों की सहायता की जाती है। यह परियोजना २००० ई० में प्रारंभ हुई और यह संयुक्त राजशाही में स्थित समाज सेवी संस्था डी फ़ैक्स की सहायता प्राप्त है जो बहरेपन और प्रौद्योगिकी में विशेषज्ञ का दर्जा प्राप्त है। इन्हें समुदाय कोष के माध्यम से आर्थिक सहायता जुटाने का अनुभव है और इसे ब्रिटेन की सबसे बड़ी लॉटरी कहा जाता है।

डेफ़-चाइल्ड इंडिया के कार्यों में पाठ्य पुस्तकों पाठ्य सामग्री का विकास शामिल है जो बेहरे लोगों के लिए सहज है, बहरो के शिक्षकों के लिए कार्यशाला और बहरे बच्चों के लिए सूचना प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराना और इस दिशा के कार्यालयों का आयोजन आदि के लक्ष्य पूरे करता है।