डेवी दशमलव वर्गीकरण या डेवी दशांश वर्गीकरण (डीडीसी) एक पुस्तकालय वर्गीकरण प्रणाली है जो 1876 में मेल्विल डेवी द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका में पहली बार प्रकाशित हुई थी।[1] इसके अनुसार सम्पूर्ण मानवीय ज्ञान को दस मूल वर्गों में विभक्त किया गया है और इन वर्गों के विभागों और उपविभागों को दशमलव के सिद्धान्त और प्रयोग के आधार पर दस-दस भागों में विभाजित किया गया है। डीडीसी की संरचना विषय के बजाय अनुशासन के अनुसार तैयार की है। इस वर्गीकरण प्रणाली का उपयोग कम से कम 135 देशों के 200,000 पुस्तकालयों में किया जाता है।

हांगकांग में एक पुस्तकालय की पुस्तक अलमारी को चीनी पुस्तकालयों के लिए नई वर्गीकरण योजना, डेवी वर्गीकरण योजना के एक अनुकूलन का उपयोग करके वर्गीकृत किया गया है

दशमलव वर्गीकरण ने सापेक्ष स्थान और सापेक्ष सूचकांक की अवधारणाओं को प्रस्तुत किया, जो विषय के आधार पर नई पुस्तकों को उनके उपयुक्त स्थान में एक पुस्तकालय में जोड़ने की अनुमति देता है। वर्गीकरण का अंकन मुख्य वर्गों के लिए तीन अंकों के हिंदू-अरबी अंकों का उपयोग करता है।[2]

पुस्तकालय एक वर्गीकरण संख्या प्रदान करता है जो स्पष्ट रूप से अपने विषय के आधार पर पुस्तकालय में अन्य पुस्तकों के सदृश एक विशेष मात्रा का पता लगाता है। यह संख्या किसी भी पुस्तक को खोजने और उसे पुस्तकालय की अलमारियों पर उसके उचित स्थान पर वापस करने के कार्य को संभव तथा सरल बनाती है।

इतिहास संपादित करें

 
मेल्विल डेवी, डेवी दशमलव वर्गीकरण के अन्वेषक

1873–1885:प्रारंभिक विकास संपादित करें

मेल्विल डेवी (1851–1931) अमेरिकन पुस्तकालयाध्यक्ष तथा स्व-घोषित सुधारक थे।[3] वे अमरीकन पुस्तकालय संस्थान(अमेरिकन लाइब्रेरी एसोसिएशन) के संस्थापक सदस्य थे। पुस्तकालयों तथा व्यापार में कार्ड व्यवस्था(सिस्टम) को बढ़ावा देने का श्रेय उन्हीं को दिया जा सकता है।[4] उन्होंने अपने पुस्तकालय वर्गीकरण प्रणाली संबंधी विचारों का विकास 1873 में एमहर्स्ट कॉलेज के पुस्तकालय में काम करते हुए किया। उन्होंने उस पुस्तकालय में पुस्तकों के लिए वर्गीकरण लागू किया। उन्होंने ए क्लासिफिकेशन एंड सब्जैक्ट इंडैक्स फॉर कैटेलॉगिंग एंड अरेंजिंग द बुक्स एंड पैंफ्लेट्स ऑफ ए लाइब्रेरी शीर्षक से पुस्तिका(पैम्फलेट) के रूप में वर्गीकरण प्रकाशित किया।[5] अर्नेस्ट कुशिंग रिचर्डसन की वर्गीकरण प्रणाली का उल्लेख लाइब्रेरी जर्नल के पहले अंक में और 1876 में शिक्षा विभाग "पब्लिक लाइब्रेरी इन अमेरिका" में डेवी द्वारा एक लेख में किया गया था। मार्च 1876 में, उन्होंने आवेदन करके सूचकांक के पहले संस्करण पर मुद्राधिकार प्राप्त किया। उस संस्करण में 44 पृष्ठ थे, जिसमें 2000 सूचकांक प्रविष्टियाँ थीं तथा वह 200 प्रतियों में मुद्रित किया गया था।

इन्हें भी देखें संपादित करें

संदर्भ संपादित करें

  1. Dewey, Melvil (1876), Classification and Subject Index for Cataloguing and Arranging the Books and Pamphlets of a Library (Project Gutenberg eBook), मूल से 10 नवंबर 2012 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 31 July 2012
  2. Chapter 17 in Joudrey, Daniel N.; Taylor, Arlene G.; Miller, David P. (2015). Introduction to Cataloging and Classification (11th संस्करण). Santa Barbara, CA: Libraries Unlimited/ABC-CLIO. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-59884-856-4.
  3. वीजेंड, वेने ए. (1996), अपरिवर्तनीय सुधारक, शिकागो: अमेरिकन लाइब्रेरी एसोसिएशन, OL 965418M, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0838906804, 083890680X
  4. क्राज़ेव्स्की, मर्कस (2011), कागज की मशीनें, कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स: एम आई टी प्रेस, OL 25075524M, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780262015899
  5. डेवी, मलविल (1876), ए क्लासिफिकेशन एंड सब्जैक्ट इंडैक्स फॉर कैटेलॉगिंग एंड अरेंजिंग द बुक्स एंड पैंफ्लेट्स ऑफ ए लाइब्रेरी, [एस.एन.], OCLC 78870163, OL 23422140M