डॉ॰ कोटनीस की अमर कहानी
डॉ॰ कोटनीस की अमर कहानी हिंदी-उर्दू के साथ-साथ अंग्रेजी में निर्मित 1946 की भारतीय फिल्म है। इसकी पटकथा ख़्वाजा अहमद अब्बास ने लिखी है और वी शांताराम इसके निर्देशक हैं। [1] अंग्रेजी संस्करण का शीर्षक द जर्नी ऑफ डॉ॰ कोटनीस था ।[2] दोनों ही संस्करणों में वी शांताराम शीर्षक भूमिका में थे। फिल्म द्वारकानाथ कोटनीस के जीवन पर आधारित है, जो एक भारतीय चिकित्सक थे जिसने द्वितीय विश्व युद्ध में जापानी आक्रमण के दौरान चीन में अपनी सेवाएँ दी थीं।
डॉ॰ कोटनीस की अमर कहानी | |
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चित्र:Dr Kotnis ki Amar Kahani poster.jpg थियेटर रिलीज़ पोस्टर | |
निर्देशक | वी शांताराम |
लेखक | वी पी साठे |
पटकथा | ख़्वाजा अहमद अब्बास |
कहानी | ख़्वाजा अहमद अब्बास |
निर्माता | वी शांताराम |
अभिनेता |
वी शांताराम जयश्री |
छायाकार | वी अवधूत |
संपादक | बाबू मारवाड़ |
संगीतकार | वसंत देसाई |
निर्माण कंपनी |
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वितरक | राजकमल कलामंदिर |
प्रदर्शन तिथि |
1946 |
लम्बाई |
124 मिनट/ 100 मिनट (ENG) |
देश | भारत |
भाषायें |
हिंदी-उर्दू अंग्रेजी |
अवलोकन
संपादित करेंफिल्म ख्वाजा अहमद अब्बास की कहानी "एंड वन डिड नॉट कम बैक" पर आधारित थी, जो खुद भी डॉ। द्वारकानाथ कोटनीस के वीर जीवन पर आधारित है। डा॰ कोटनीस को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान येनान प्रांत में जापानी आक्रमण के खिलाफ लड़ने वाले सैनिकों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए चीन भेजा गया था। चीन में रहते हुए उन्होंने जयश्री द्वारा अभिनीत एक चीनी लड़की चिंग लान से मुलाकात की। उनकी मुख्य उपलब्धि एक विपुल प्लेग का इलाज ढूँढना थी, लेकिन बाद में वे स्वयं इससे ग्रस्त हो गए। वे एक जापानी पलटन द्वारा पकड़े भी गए, किंतु वहाँ से भाग निकले। आखिरकार बीमारी ने उनकी जान ले ली।
कलाकार
संपादित करें- वी शांताराम - कोटनीस
- जयश्री - चिंग लान
यह भी देखें
संपादित करेंसंदर्भ
संपादित करें- ↑ "Dr. Kotnis Ki Amar Kahani Reviews". the hindu. अभिगमन तिथि 2019-11-01.
- ↑ Op-Ed Archived 29 अक्टूबर 2007 at the वेबैक मशीन