डॉ. जे.एस. यादव अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त जीव वैज्ञानिक थे। वे देश के प्रतिष्ठित पर्यावरणविद और शिक्षाविद भी थे। वे पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ की सिनेट, सिंडिकेट और फाइनेंस बोर्ड से सदस्य और कई विभागों के अधिष्ठाता रहे, वहीँ कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में zoology विभाग के अध्यक्ष, डीन विज्ञानं संकाय आदि महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत रहे। डॉ. यादव ने अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर भी भारत का प्रतिनिधित्व किया। वे शांति मिशन के प्रमुख के रूप में जर्मनी गए थे। इसके आलावा रूस आदि अन्य देशों में भी उन्होंने भारत का गौरव बढाया|

कोशिकानुवंशिकी के क्षेत्र में उनके शोध कार्यों के परिणाम स्वरुप एक डच वैज्ञानिक ने उनके सम्मान में एक बीटल का नाम 'हाइड्रोक्स यादवी' रखा है।

जन्म और शिक्षा संपादित करें

डॉ. यादव का जन्म 8 नवम्बर, 1942 को हरियाणा के जिला महेंद्रगढ़ के गाँव नीरपुर (नारनौल) में दिवाली के दिन श्री नन्दलाल सिंह तहसीलदार और श्रीमती निहालकौर के घर हुआ था। आप तीन भाई बहनों में सबसे बड़े थे।

आपने प्रारम्भिक शिक्षा गाँव में ही पंडित शम्भुदयाल से प्राप्त की। औपचारिक प्राथमिक शिक्षा जिला बोर्ड प्राइमरी स्कूल, नंगली गोधा से और भूपेंद्रा हाई स्कूल, नारनौल से दसवी कक्षा पास की।

आपने डी.ए.वी. कॉलेज जालंधर से बी.एस.सी, पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से एम.एस.सी.(आनर्स) और पी.एच.डी तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से एल.एल.बी. की उपाधियाँ प्राप्त की और जींद के जाट कॉलेज, जींद में प्रधानाचार्य नियुक्त हुए|

जीव वैज्ञानिक के रूप में योगदान संपादित करें

जीव वैज्ञानिक के रूप में आपने लगभग 36 वर्ष कार्य किया। इस दौरान उन्होंने 6 बड़े रिसर्च प्रोजेक्ट सफलता पूर्वक पूरे किये वहीँ उनके 160 शोध-पत्र (Full-Paper), 156 Abstracts अन्तर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय शोध जर्नल्स में प्रकाशित हुए| वे एनिमल साइटोजेनेटिक्स, ह्यूमन जेनेटिक्स और एको जेनेटिक्स के विशेषज्ञ थे।

उनके योगदान को रेखांकित करने के लिए एक डच वैज्ञानिक ने एक बीटल का नाम 'हाइड्रोक्स यादवी' रखा है।

आप विभिन्न विज्ञानं सम्बन्धी संस्थाओं के अध्यक्ष और पदाधिकारी रहे। जिनमें सोसाइटी ऑफ़ साय्टोलोगिस्ट्स एंड जेनेटिसिस्टिस इंडिया के 1997 से 2000 तक अध्यक्ष रहे। Please view Information on Achievements