डॉ॰ पद्मेश गुप्त ब्रिटेन मे बसे भारतीय मूल के हिंदी लेखक है। डॉ॰ पद्मेश गुप्त ने यू॰के॰ हिन्दी समिति एवं `पुरवाई' पत्रिका के माध्यम से हिन्दी को इस देश में प्रतिष्ठित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे स्वयं मूलत: कवि हैं लेकिन बीच-बीच में कहानियाँ भी लिख लेते हैं। कथा यू॰के॰ की कथा गोष्ठी में कहानी पाठ भी कर चुके हैं। कृति यू॰के॰ द्वारा आयोजित एक प्रतियोगिता में (जिसके निर्णायक भारत और अमरीका से थे) डॉ॰ पद्मेश गुप्त को कविता में प्रथम एवं कहानी में द्वितीय स्थान मिला। पद्मेश की कविताओं की विशेषता यह है कि वे पढ़ने में भी उतना ही प्रभावित करती हैं जितनी कि सुनने में। उनकी कविताएँ समकालीन विषयों को उठाती हैं और बहुत से नए बिम्ब भी प्रस्तुत करती हैं।

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