डॉ. शोभाराम शर्मा एक भाषाविद, लेखक एवं कवि हैं। उनका जन्म 6 जुलाई 1933 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल की धुमाकोट तहसील के पतगांव में हुआ। उनकी अब तक कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। बीसवीं सदी कोे पचास के दशक में उनकी पहली उपन्यासिका धूमकेतु प्रकाशित हुई थी। यह चीन की नवजनवादी क्रांति पर आधारित थी। उत्तराखंड एवं नेपाल की सीमा पर रहने वाली एक अत्यंत अल्पसंख्यक जनजाति राजी या वनरौत की भाषा पर उनका अध्ययन सबसे पहला विस्तृत अध्ययन है। उनकी अब तक प्रकाशित पुस्तकों में क्रांतिदूत चेग्वेरा[1], वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के जीवन पर आधारित महाकाव्य हुतात्मा, कत्यूरी वंश की अंतिम महारानी जिया पर नाटक महारानी जिया, कथा संग्रह् तीलै धारो बोला, अमेरिका के इतिहास पर पुस्तक अमेरिकाः परदे के पीछे परदे के बाहर , नाटक संग्रह मगर होलिका नहीं जली, संकलित व्यंग्य रचनाएं शाामिल हैं। उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण विदेशी रचनाओं के अनुवाद भी किए हैं। इन अनुवादों में साइबेरिया के पहले उपन्यासकार यूरी रित्ख्यू का उपन्यास जब ह्वेल पलायन करते हैं। चीनी उपन्यासकार चाउ ली पो का उपन्यास अंधड़ शामिल है। वर्ष 2023 में उन्हें साहित्यिक योगदान के लिए विद्यासागर नौटियाल सम्मान से सम्मानित किया गया।

  1. Menocal, Maria Rosa; Valor, Jose Valdivia; Palacios, Miguel Asin; Palacios, Miguel Asin; Baralt, Luce Lopez; Hurley, Andrew (1996). "Don Miguel Asin Palacios. Mistica cristiana y mistica musulmana". Hispanic Review. 64 (2): 259. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0018-2176. डीओआइ:10.2307/474650.