तंतु (string) या तार (chord) सितार, गिटार, ज़िथर, संतूर जैसे तंतुवाद्यों में कम्पन द्वारा ध्वनि उत्पन्न करने वाला तत्व होता है। यह तंतु किसी लचीली सामग्री का बना हुआ एक लम्बा व पतला तार होता है जिसे वाद्य में तनाव की ऐसी स्थिति में रखा जाता है जिस में उसे छेड़ने पर वह स्वतंत्र लेकिन नियंत्रित रूप से कम्पन कर सके। ऐसे तंतु अक्सर नायलॉन, इस्पात या आंततंतु जैसी एक ही सामग्री का बना होता है लेकिन कभी-कभी इसे एक सामग्री के तार के ऊपर कस कर किसी अन्य सामग्री के पतले तार को घुमाकर भी बनाया जाता है, जिस से तंतु में अधिक लचीलापन आ जाता है और उस से उत्पन्न ध्वनि के तारत्व (pitch) को अधिक सरलता से निर्धारित करा जा सकता है।[1][2]

सन् १६९० में पैरिस में बने इसे दुने-गिटार के तंतु तनाव में रखे जाते हैं और प्रत्येक का एक अलग तारत्व (पिच) है

इन्हें भी देखें

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  1. "Bassist FAQ on strings". Houston Bass Lessons. मूल से 1 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2017-05-27.
  2. "Other notes: Bass string types". Joeysbassnotes.com. अभिगमन तिथि 2017-05-27.[मृत कड़ियाँ]