किसी जीव के शरीर में तंत्रिका ऐसे रेशे को कहते हैं जिससे शरीर के एक स्थान से दूसरे स्थान तक संकेत भेजे जाते हैं। तंत्रिका को अंग्रेजी में नर्व कहते हैं। मनुष्य शरीर में तंत्रिकाएँ शरीर के लगभग हर भाग को मस्तिष्क या मेरूरज्जु से जोड़कर उनमें आपसी संपर्क रखतीं हैं। तंत्रिकाओं को क़रीब से देखें तो वह न्यूरॉन नामक कोशिकाओं (सैल) की बनी होतीं हैं। जब मस्तिष्क को हाथ हिलने का आदेश देना होता है तो मस्तिष्क से हाथ तक यह संकेत तंत्रिकाओं से ही भेजा जाता है। इसी तरह जब आँख पर कोई छवि पड़ती है तो उसके संकेत दिमाग़ तक तंत्रिकाएं ही ले जातीं हैं।

नींद सम्बन्धी तंत्रिका रोग:

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नींद में झटके आने की वजह सेंट्रल स्लीप एपनिया है, इसका कारण कामवासना बढ़ाने वाले ड्रग्स या शराब का सेवन है। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया में श्वास अवरुद्ध होती है, इसके विपरीत सेंट्रल स्लीप एपनिया न्यूरोलॉजिकल समस्या है, इसलिए इसमें आपको तकलीफ नहीं होती, अटैक रुक-रुककर होते हैं। जब रिसेप्टर्स सांस लेने का सन्देश सही तरीके से नहीं भेजते हैं तो इसकी प्रतिक्रिया में झटके आते हैं, जो बातचीत व परिवेशीय शोर से बढ़ते हैं। प्रायः रक्तचाप कम होता है जो चौंकते ही तुरंत बदलता है, और धड़कन तेज प्रतीत होती है। नींद की कमी और निम्न रक्तचाप के कारण सुबह गम्भीर थकान, सोने की निरंतर इच्छा और कभी-कभी क्षणिक स्मृति लोप भी होता है। पर्यावरणीय ध्वनियों से सोना कठिन हो जाता है। न्यूरोलॉजिस्ट से दवाएं लेना समस्या का स्थायी उपचार है, MRI परीक्षण करवाएं। विटामिन बी 12 और कैमोमाइल चाय भी प्रभावी है।

१.^ अंग्रेजी में तंत्रिका को नर्व (nerve) कहते हैं
२.^ अंग्रेजी में मेरूरज्जु को स्पाइनल कार्ड (spinal cord) कहते हैं
३.^ अंग्रेजी में न्यूरॉन को न्यूरॉन (neuron) ही कहते हैं
४.^ अंग्रेजी में कोशिकाओं को सैल (cell) कहते हैं