तकनीकी मानक
किसी तकनीकी तंत्र, प्रक्रम, सेवा या उत्पाद के बारे में निर्धारित आवश्यक मापदण्ड को तकनीकी मानक (technical standard) कहा जाता है। तकनीकी मानक प्रायः एक दस्तावेज (डॉक्युमेन्ट) के रूप में होते हैं। तकनीकी मानक वस्तुतः एकसमान इन्जीनियरी मानदण्ड, विधि, प्रक्रम या व्यवहार (practices) का प्रचलन करने के ध्येय से बनाये जाते हैं जिससे उपभोक्ताओं को सुविधा होती है एवं अन्य लाभ भी होते हैं।
प्रकार
संपादित करेंइतिहास
संपादित करेंभौतिक विज्ञानों मे मानक का आविर्भाव
संपादित करें- मेट्रिक प्रणाली मापन के क्षेत्र में मानकीकरण की दिशा में पहला प्रयास थी।
उद्योग, अर्थव्यवस्था एवं सेवाओं में मानकीकरण का प्रसार
संपादित करेंमानविकी के क्षेत्र में मानकीकरण का प्रसार
संपादित करेंभाषा के क्षेत्र में व्याकरण एक प्रकार के मानक का उदाहरन है। आजकल मानविकी के विभिन्न क्षेत्रों में मानकीकरण देखा जा सकता है।
मानकीकरण के उद्देश्य
संपादित करें- औद्योगिक उत्पादों की अदला-बदली सुनिश्चित हो सकती है।
- उत्पाद की गुणवत्ता
- उत्पाद को डिजाइन करने एवं विकसित करने में कम समय व लागत लगती है।
- अनावश्यक रूप से मनमाने आकार-प्रकार एवं माप के उत्पाद बनाने पर रोक
- सुरक्षा
- चुनने, खरीदने एवं उपयोग करने में सुविधा
मानकीकरण संस्थान
संपादित करें- अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (ISO)
- भारतीय मानक ब्यूरो
- डिन (DIN) - जर्मनी का मानक संस्थान
- ब्रिटिश मानक संस्थान (BSI)
- अमेरिकी राष्ट्रीय मानक संस्था (ANSI)
- एएसटीएम (यूएसए)
इन्हें भी देखें
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