तड़ित निरोधक

(तड़ित रोधक से अनुप्रेषित)

तड़ित निरोधक या तड़ित निवर्तक (lightning arrester) विद्युत शक्ति प्रणाली तथा दूरसंचार प्रणाली में प्रयुक्त एक सुरक्षा युक्ति है जो तड़ित से होने वाली इंसुलेशन की सम्भावित क्षति के विरुद्ध कार्य करती है। सामान्य तड़ित रोधक में एक उच्च-वोल्टता वाला टर्मिनल तथा दूसरा भू-टर्मिनल होता है। जब तड़ित किसी पॉवर लाइन से होकर चलते हुए तड़ित रोधक तक पहुंचती है तो तड़ित की धारा रोधक से होते हुए धरती में चली जाती है।

न्यून वोल्टता तथा मध्यम वोल्टता के विधिन्न प्रकार के तड़ित रोधक
ZnO और SiC के V-I वैशिष्ट्य (धारा, क्षैतिज अक्ष पर)

किन्तु यदि तड़ित-रोधक खराब हो गया हो या मौजूद ही न हो तो तड़ित के कारण उत्पन्न उच्च वोल्टता के कारण संचरण लाइनों, ट्रांसफॉर्मरों या घरेलू उपकरणों को भारी क्षति हो सकती है।

तड़ित निरोधक के प्रकार

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मुख्यतः दो प्रकार के तड़ित निरोधक प्रयोग किये जाते हैं, (१) स्पार्क गैप (२) किसी अर्धचालक पदार्थ (जैसे सिलिकन कार्बाइड या जिंक ऑक्साइड) का टुकड़ा । जनरल इलेक्ट्रिक अपने तड़ित अवरोधकों में जिस सिलिकन कार्बाइड कम्पोजिट का उपयोग करती थी उसे उसने 'थाइराइट' (Thyrite) नाम दिया था। कुछ स्पार्क गैप हवा में खुले होते हैं किन्तु अधिकांश में कोई गैस मिश्रण भरा होता है और उसमें कोई रेडियोसक्रिय पदार्थ भी अल्प मात्रा में मिला दिया जाता है ताकि अवकाश (गैप) में जब वोल्टेज एक सीमा को पार कर जाय तो गैस आसानी से आयनीकृत हो जाय। तड़ित निरोधकों की कुछ अन्य डिजाइनों में ग्लो डिस्चार्ज नलिका का उपयोग किया जाता है। कुछ डिजाइनों में धातु ऑक्साइड वैरिस्टर (MOV) का उपयोग किया जाता है।

विद्युत उपकेन्द्रों में प्रयुक्त तड़ित निरोधक बड़े आकार के होते हैं। इनमें पोर्सलीन की एक नलिका होती है जो कई फुट लम्बी होती है और इसका व्यास कई इंच का होता है। इसमें प्रायः जिंक ऑक्साइड की डिस्कें भरी होतीं हैं। इसके बगल में एक सुरक्षा द्वार भी रखा जाता है जो आन्तरिक विस्फोट से इसकी रक्षा करता है।

तड़ित निरोधकों की क्षमता या रेटिंग बताने के लिये उनकी धारा वहन करने की क्षमता, उनकी ऊर्जा अवशोषित करने की क्षमता, और भंग वोल्तता (ब्रेकओवर वोल्टेज) बतायी जाती है।

इन्हें भी देखें

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बाहरी कड़ियाँ

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