तमरा तमरा (बांसी), रीवा, मध्य प्रदेश स्थित एक गाँव है। तमरा रीवा जिला मुख्यालय से दक्षिण दिशा में 12 किलोमीटर में स्थित है और तमरा गाँव सतना जिले के साथ सीमा से संपर्क करता है

तमरा (Tamara)
—  गाँव  —
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०)
देश  भारत
राज्य मध्य प्रदेश
ज़िला रीवा
जनसंख्या 1,600 (2011 के अनुसार )
लिंगानुपात 930 /
साक्षरता
• पुरुष
• महिला
72%
• 60%
• 40%
आधिकारिक भाषा(एँ) हिन्दी, बघेली, अंग्रेज़ी
आधिकारिक जालस्थल: http://Rewa.nic.in

निर्देशांक: 24°28′N 81°09′E / 24.46°N 81.15°E / 24.46; 81.15

Tamra(तमरा)

दर्शनीय स्थल

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1. पड़ुई हनुमान मंदिर तमरा(Padui Hanuman Mandir Tamra)- पडुई हनुमान मंदिर तमरा रीवा

पडुई हनुमान मंदिर में जो सच्चे मन से मन्नत मांगता है उसकी मनोकामना पूरी होती है

तालाब खुदाई के दौरान हनुमान जी की मूर्ति मिली थी

पडुई नाथ हनुमान मंदिर रीवा जिले से 12 कि. मी. दूर तमरा गाँव (रीवा-मुकुंदपुर रोड) में स्थित है । मंदिर की स्थापना बेलाउन्हा द्विवेदी परिवार द्वारा आज से लगभग 100 साल पहले की गई थी। पंडित रामकुशल द्विवेदी जी बताते है कि हनुमान जी के मूर्ति को पडुई तालाब की खुदाई के दौरान मिले लेकिन हनुमान जी के मूर्ति को कई लोगों ने मिलकर भी नही निकाल पाए एवं क्रेन से भी निकलने की कोशिश की गई लेकिन नही निकाल पाए, तब हमारे परिवार की लक्ष्मीनिया दाई ने कहा कि अगर सच मे बजरंगबली हो तो निकल आओ फिर लक्ष्मीनिया दाई ने अपने पुत्र को बोली कि मूर्ति उठाओ फिर उनके पुत्र ने अकेले मूर्ति को निकाल कर तालाब के मेढ़ में रख दिये और वही मूर्ति को स्थापित कर दिये फिर वहाँ कुछ समय बाद बेलाउन्हा द्विवेदी परिवार द्वारा मंदिर का निर्माण कराया गया ।

पडुई हनुमान मंदिर में चमत्कार भी हुआ

पंडित रामकुशल द्विवेदी जी बताते है कि एक बार हनुमान मंदिर में भंडारा हो रहा था और भंडारा के लिए प्रसाद बन रहा था आधा प्रसाद बनने के बाद पूड़ी बनाने का डालडा खत्म हो गया फिर लोगो ने हनुमान जी का नाम लेकर बोले कि भगवान रक्षा करना फिर आधे लीटर डालडा में 25 किलो आटा की पूड़ी बन गयी और सबको प्रसाद मिला एवं हनुमान जी ने भक्तो की रक्षा किए।

यहाँ मकर संक्रांति में मेला लगता है

पडुई हनुमान मंदिर में हर साल मकर संक्रांति में मेला लगता है जिसमे आसपास के गाँव के बहुत लोग आते है जिससे बहुत भीड़ रहती है एवं हनुमान मंदिर में मकर संक्रांति के एक दिन पहले रामचरित मानस का पाठ शुरू होता है जो मकर संक्रांति को समाप्त होती है एवं भंडारा का आयोजन होता है । भंडारा में कढ़ी-भात का भोग भगवान को लगता है फिर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया जाता है।

पडुई हनुमान मंदिर में भगवान राम जी , माँ सीता जी एवं भगवान लक्ष्मण जी की मूर्ति ऊपर गुम्बद में स्थापित है जिनको शुक्ला परिवार द्वारा निर्माण कराया गया ।

पडुई हनुमान मंदिर में अभी कुछ साल पहले द्विवेदी परिवार द्वारा मानस करने हेतु हाल का निर्माण कराया गया जिससे जो मानस करने में बैठने की दिक्कत होती थी वो अब दूर हो गयी है ।

✍️✍️-पंडित पंकज द्विवेदी

2. देवी दाई माता मंदिर तमरा

3. व्हाइट टाइगर सफारी एवं जू मुकुंदपुर ,रीवा