तलत हुसैन (अभिनेता)

अभिनेता

तलत हुसैन पाकिस्तान‌ टैलीविज़न और रेडियो पाकिस्तान‌ की ड्रामा इंडस्ट्री के मशहूर व्यक्तित्व हैं। उनकी वजह प्रतिष्ठा कला सदाकारी है। उन्होंने रेडियो नाटकों में सदाकारी और अनगिनत वाणिज्यिक / विज्ञापन में भी सदाकारी की।।

तलत हुसैन का सम्बंद्ध पढ़े लिखे और रोशन खयाल घराने से था। उनके पिता विभाजन से पहले सरकारी कर्मचारी थे और मां रेडियो पर शौकिया प्रोग्राम किया करती थीं। तलत हुसैन के अलावा उनका एक और भाई भी था। यह परिवार लोग दिल्ली से हिजरत करके पाकिस्तान आए। जब तलत हुसैन की उम्र 3 साल थी तब उनके वालदिी पोस्टिंग रावलपिंडी में हो गई थी। पिंडी भिजवाया और खुद कराची के रास्ते पाकिस्तान पहुंचे तो पता चला कि पिताजी को कराची में तैनात कर दिया गया था। बाद में उन्हें दमे का रोग पैदा हो गया।ओराओवर डोज़ इंजेक्शन के कारण उनकी एक पैर लकवाग्रस्त हो गई तो वह बिस्तर के होकर रह गए। उन्हीं दिनों कराची रेडियो शुरू हुआ तो उन की मां ने वहां नौकरी कर ली और अंतिम दम तक रेडियो से जुड़े रही।

इनकी माता तलत हुसैन के इस फील्ड मैं आने के सख्त खिलाफ़ थीं। इनकी इच्छा थी कह बेटा सिविल सर्विस में जाए। फिर रिश्तेदारों के समझाने पर वह तलत हुसैन को रेडियो लेकर गईं। इन का ऑडिशन करवाया.ास युग में बच्चों के लिए एक कार्यक्रम हुआ करता था। '' स्कूल प्रसारण '' जो शैक्षिक पाठ्यक्रम पर आधारित नाटकीय फीचर हुआ करते थे। तो्लित हुसैन ने मां से आग्रह किया कि इस कार्यक्रम से मुझे शिक्षा में बहुत लाभ होगा। इस तरह रेडियो पर काम शुरू किया। दाद मिलती गई, लोग पसंद करने लगे। फिर उन्होंने स्टूडियो 9 में काम शुरू कर दिया और उनकी मां प्रयास के बावजूद उन्हें रोक नहीं सकी और वह काम करते रहे।[1]

1972ई. मैं इनकी शादी प्रोफेसर रख्शंदा से हुई। इनके दो बेटियाँ और एक बेटा हुए। इंग्लिश लिटरेचर में ग्रेजुएशन की। फिर लंदन जाकर थिएटर आर्ट्स लंदन अकादमी संगीत और ड्रामैटिक कला से प्रशिक्षण प्राप्त किया और स्वर्ण पदक हासिल किया।

करियर की शुरूआत सिनेमा में गेट कीपर के रूप में किया। बाद में जब सिनेमा के मालिक को उनके अंग्रेजी बोलने की योग्यता का ज्ञान हुआ तो उसने उन्हें गेट बुकिंग क्लर्क बना दिया, यह उनके जीवन की पहली तरक्की थी।[2]

उन्होंने एक्टिंग की शिक्षा लंदन में प्राप्त की। बचपन में उन्हें गायकी, चित्रकारी और क्रिकेट का शौक था।