तांगखुली भाषाएँ

चीन-तिब्बती भाषाओं का समूह

तांगखुली और तांगखुल भाषाएं भारत के पूर्वोत्तर मणिपुर में बोली जाने वाली चीन-तिब्बती भाषाओं का एक समूह है। भले ही ये भाषाएँ पारंपरिक रूप से "नागा" के रूप में वर्गीकृत क्यों न हों, किंतु वे स्पष्ट रूप से अन्य नागा भाषाओं से संबंधित नहीं हैं। फ़िलहाल इन्हें (मारिंगी के साथ) तिबेटो-बर्मन भाषा-समूह की एक स्वतंत्र शाखा के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

तांगखुली
जातियाँ: तांगखुल नागा
भौगोलिक
विस्तार:
उखरुल ज़िला, मणिपुर, भारत;
नागा स्व-प्रशासित क्षेत्र, म्यांमार
भाषा श्रेणीकरण: चीनी-तिब्बती
उपश्रेणियाँ:

ऐसा प्रतीत होता है कि मरिंगी भाषाएँ तांगखुलिक परिवार से निकटता से जुड़ी हुई हैं, लेकिन वास्तव में ये इस समूह का हिस्सा नहीं है।

बोली संपादित करें

तांगखुलिक भाषाओं में शामिल हैं:

तांगखुलिक भाषाएँ किसी ख़ास तौर पर एक दूसरे से मेल नहीं खाती हैं।

ब्राउन की "सदर्न तांगखुल" तांगखुलिक भाषा के बजाय एक कूकी-चिन भाषा है । हाल ही में खोजी गई सोरबंग भाषा के साथ यह काफ़ी मेल खाती है, जो कि जातीय तंगखुल लोगों द्वारा बोले जाने के बावजूद भी तांगखुली नहीं मानी जाती है। [1]

वर्गीकरण संपादित करें

मोर्टेंसन (2003: 5) तांगखुलिक भाषाओं को निम्नानुसार वर्गीकृत करती है।

Tangkhulic
  • उत्तरी: हुशु
  • उत्तर-मध्य: चामफंग
  • पूर्व-मध्य
  • दक्षिण
    • ब्राउन का 'सेंट्रल तांगखुल'
    • दक्षिण केन्द्रीय
      • Khangoi
      • ब्राउन का 'उत्तरी तंगखुल'

संदर्भ संपादित करें

  1. David Mortenson and Jennifer Keogh. 2011. Sorbung, an Undocumented Language of Manipur: its Phonology and Place in Tibeto-Burman. In JEALS 4, vol 1. http://jseals.org/JSEALS-4-1.pdf Archived 2017-10-25 at the वेबैक मशीन