ताम्र निधि संस्कृति
ताम्र भंडार संस्कृति प्राचीन भारत की एक काँस्य युगीन संस्कृति है, जो मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग में पश्चिमी गंगा-यमुना दोआब में पाई गई थी। इस संस्कृति के केंद्रों में बड़े और छोटे ताम्र के औज़ारो के भंडार में पाए गए थे, जो दूसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व के आरंभिक काल में दिनांकित हैं, [नोट 1] हालांकि तारीख को लेकर विद्वानों में मतभेद ज़ारी हैँ क्योंकि इस संस्कृति की वस्तुओं की सही से जाँच न हो सकी हैँ।[1][2] विद्वानों ने ताम्र भंडार संस्कृति को गैरिक मृद्भाण्ड संस्कृति(OCP) से जोड़ा हैं, जो ख़ुद उत्तरी सेंधव संस्कृति से निकटता से जुड़ा हुआ था। इस संस्कृति को आर्यो के साथ भी जोड़कर देखा गया हैँ, हालांकि वैदिक आर्य के साथ संबंध पर विद्वान एकमत नहीं है, क्योंकि इस संस्कृति का क्षेत्र वैदिक आर्यों की भूमि के पूर्व में था।[3][4][2][5]
- ↑ Yule 2003, पृ॰ 541.
- ↑ अ आ Mallory & Adams 1997, पृ॰ 126.
- ↑ Mallory & Adams 1997, पृ॰ 125.
- ↑ Parpola 2020.
- ↑ Yule 2002, पृ॰ 118.