तारेगना
ऐसा माना जाता है कि तारेगना में सबसे पहले आर्यभट्ट जो तारों की गिंटी कर रहे हैं तो उनको तरों को गिंटी करने में बहुत ही ज्यादा सहुलियत और बहुत ही ज्यादा आसनी होती थी और ऐसा माना जाता है कि तारेगना का जो स्थली है भागोलिक वह खगोली दृष्टि से बहुत ही बेहतर है जिस वजह से इस जगह का नाम तार की गणना करने के लिए तारेगना मतलब तारेगना रखा गया!
तारेगना Taregna | |
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जुलाई 22, 2009 को तारेगना में सूर्यग्रहण देखने एकतत्रित भीड़ | |
निर्देशांक: 25°21′N 85°02′E / 25.35°N 85.04°Eनिर्देशांक: 25°21′N 85°02′E / 25.35°N 85.04°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | बिहार |
ज़िला | पटना ज़िला |
ऊँचाई | 61 मी (200 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 1,017 |
भाषा | |
• प्रचलित | हिन्दी, मगही |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिन | 804452 |
टेलीफोन कोड | 0612 |
तारेगना(Taregna) भारत के बिहार राज्य के पटना ज़िले में स्थित एक गाँव है। यह मसौढ़ी नगर से सटा हुआ है।[1][2]
विवरण
संपादित करेंबिहार की राजधानी पटना से करीब पैंतीस किलोमीटर दूर तारेगना एक छोटा सा क़स्बा है, जो आर्यभट्ट की कर्मस्थली मानी जाती है। यही रहकर आर्यभट्ट ने आकाश में ग्रह-नक्षत्र और तारों की स्थिति का अध्ययन किया था और इसलिए इसका नाम तारेगना पड़ गया। तारेगना एकाएक वर्ष 2009 के जुलाई महीने में उस समय चर्चा में आया, जब अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान नासा ने तारेगना पर एक रिपोर्ट छापी. इस रिपोर्ट में कहा गया कि तारेगना से 22 जुलाई का खग्रास यानी पूर्ण सूर्यग्रहण के बखूबी देखा जा सकेगा. इस रिपोर्ट के बाद दुनियाभर से खगोल वैज्ञानिक और पर्यटक तारेगना पधारे, लेकिन आकाश में बादल छाए रहने के कारण वो यहां पूर्ण सूर्यग्रहण का नजारा नहीं देख सके और उन्हें निराशा हाथ लगी।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Bihar Tourism: Retrospect and Prospect," Udai Prakash Sinha and Swargesh Kumar, Concept Publishing Company, 2012, ISBN 9788180697999
- ↑ "Revenue Administration in India: A Case Study of Bihar," G. P. Singh, Mittal Publications, 1993, ISBN 9788170993810