"तितरम" उत्तर भारतीय राज्य हरियाणा के कैथल जिले में स्थित एक गांव है। यह गांव राष्ट्रीय राजमार्ग 65 और राज्य राजमार्ग 11-ए के महत्वपूर्ण जंक्शन पर कैथल से मात्र 8 कि.मी. दूरी पर स्थित है। इस बिंदु को तितरम मोङ के रूप में जाना जाता है। यह माना जाता है कि प्राचीन भारतीय धार्मिक ग्रंथों तैत्रीय संहिता और तैत्तिरीयोपनिषद की रचना इसी गांव के आस-पास हुई थी।

2011 की जनगणना के अनुसार तितरम गांव की आबादी 4309 है जो 752 परिवारों में रहते हैं।इनमें से 2341 पुरूष जबकि 1968 महिलाएं हैं।इस गांव की साक्षरता दर लगभग 70% है।पुरूष साक्षरता 79.35% है, जबकि महिला साक्षरता दर 57.14% है।पंचायती राज अधिनियम तथा भारत के संविधान के अनुसार यह गांव सरपंच (गांव के प्रधान) द्वारा प्रशासित किया जाता है।

इस गांव की आबादी में मुख्यत: कुंडू(कुन्डू) गोत्र के जाट हैं। चमार (हरिजन), कुम्हार (पॉटर) और लोहार (विश्वकर्मा) आदि कुछ अन्य जातियां (सामाजिक समूह) इस गांव में हैं।

पहले यहां की अधिकांश आबादी कृषि द्वारा जीवनयापन करती थी लेकिन अब कैथल शहर के नजदीक होने तथा उच्च शिक्षा तक पहुँच के कारण नौकरी और छोटे पैमाने पर व्यापार के अवसरों में विभिन्न अन्य विकल्प तलाश रही है।एक जवाहर नवोदय विद्यालय गांव में 1987 में स्थापित किया गया था जो कैथल-जींदं राज्यमार्ग पर स्थित है।इसके अतिरिक्त यहाँ एक सरकारी हाई स्कूल और 2 सरकारी प्राथमिक विद्यालय लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग से है।
चंदना, प्योदा, देवबन और हरसोला आदि अन्य आसपास के गांव हैं।[1][2]


सन्दर्भ संपादित करें

  1. डा बलदेव उपाध्याय- वैदिक साहित्य एवं संस्कृति -पृ १३२-१३३
  2. "History- Official Website of Kaithal". Haryana Government. मूल से 16 अप्रैल 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 अप्रैल 2015.