तिपहिया साइकिल अपने नाम के अनुसार मानव-संचालित तिन पहियोंवाली साइकिल है।

बच्चोंकी तिपहिया साइकिल
 
स्टीफन फ़ार्फ़लर अपनी तिपहिया पहियाकुर्सी में।

१६५५ या १६८० में एक विकलांग जर्मन आदमी, स्टीफन फ़ार्फ़लर ने तिपहिया पहियाकुर्सी बनाई थी। चूंकि वे घडीयां बनाते थे, इसलिए वह एक ऐसा वाहन बनाने में सक्षम हुए जिसे हाथ से संचालित किया गया था। १७९८ में, दो फ्रांसीसी आविष्कारकों ने तीन पहियेवाली साइकिल विकसित कि, जो पैरो के पैडल द्वारा संचालित थी और उन्होंने इसे "ट्रायसिकल" नाम दिया।[1]

कीर्तिमान

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१ जुलाई २००५ को, सुधाकर यादव ने हैदराबाद, भारत में सबसे बड़ी तिपहिया साइकिल की सवारी की, जिसकी कुल ऊंचाई १२॰६७ मीटर (४१॰६ फीट) थी। सुधा कार संग्रहालय में प्रदर्शित इस तिपहिया साइकिल ने गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में प्रवेश किया जिसके पहिये का व्यास है ५॰१८ मीटर (१७ फीट) और ११॰३७ मीटर (३७॰३ फुट) की लंबाई है।[2][3]

  1. स्टिव्ह ग्रीन (२०११). FREE on THREE: The Wild World of Human Powered Recumbent Tadpole TriCycles. iUniverse. पपृ॰ २१. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781462021604.
  2. "Largest tricycle" [सबसे बड़ी तिपहिया साइकिल] (अंग्रेज़ी में). गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स. १६ अगस्त २०१६. मूल से 26 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १६ अगस्त २०१६.
  3. "India man eyes record with 26-foot-high car" [२६ फुट ऊंची कार के साथ भारतीय व्यक्ति ने रिकॉर्ड पर आँखें गढाई]. बीबीसी (अंग्रेज़ी में). ७ अक्टुबर २०१५. मूल से 26 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १६ अगस्त २०१६. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)