तिरोधान
तिरोधान धर्मदर्शन तथा आध्यात्मिक चिंतन में अशुभ के लोप तथा शुभ संकल्प के लिए अपनायी जाने वाली युक्ति को प्रदर्शित करता है। तिरोधान के मूल में बहुधा लोक कल्याणकारी भावना का प्राधान्य होता है। किंचित अर्थों में इसका प्रयोग दैवीय ज्ञान तथा आध्यामिक सिद्धि को प्रदर्शित करने के लिए भी किया जाता है।
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